MP News/आकाश द्विवेदी: मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी करने वाले और उसकी तैयारी करने वालों के लिए जरूरी खबर है. अगर आपकी भी दो से ज्यादा संतान हैं तो आपको नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है. प्रदेश में तीन बच्चे वाले शिक्षकों की सरकारी नौकरी खत्म करने की शुरुआत हो गई है. ताजा मामला भिंड से सामने आया है, जहां तीन बच्चे पैदा होने पर माध्यमिक शिक्षक की नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है. प्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. दो संतान पॉलिसी के तहत शिक्षक की नियुक्ति निरस्त की गई है. 


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जांच में हुई पुष्टि
मामला भिंड जिले का है. हाल ही में CM राइज स्कूल में अंग्रेजी विषय के लिए माध्यमिक शिक्षक गणेश प्रसाद शर्मा की नियुक्ति की गई थी.  गणेश प्रसाद की नियुक्ति के बाद उनके खिलाफ 26 जनवरी 2001 के बाद तीसरी संतान होने संबंधित शिकायत की गई थी. इस शिकायत की जब जांच की गई तो सामने आया सच्चाई सामने आई. 


शिक्षक ने स्वाकार की बात
जांच में गणेश प्रसाद शर्मा ने स्वीकार किया कि शपथ पत्र में गलत जानकारी देकर माध्यमिक शिक्षक के पद पर उन्होंने नियुक्ति प्राप्त की थी. इसके बाद माध्यमिक शिक्षक के पद पर नियुक्ति प्राप्त करने और 26.01.2001 के बाद तीसरी संतान पैदा करने की पुष्टि होने पर उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई. 



क्या कहता है नियम
मध्य प्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक कोई भी सरकारी सेवक के अगर 26 जनवरी 2001 के बाद दो से ज्यादा बच्चे हैं तो वह सरकारी नौकरी के लिए पात्र नहीं है. यानी 26 जनवरी 2001 के बाद अगर वे  तीसरे बच्चे के पेरेंट बनतेहैं तो वे नौकरी के लिए अपात्र हो जाते हैं. 


पहले भी हो चुका है ऐसा 
मध्य प्रदेश में ये ऐसा पहला मामला नहीं है. इससे पहले जून में इंदौर की एक महिला टीचर को तीसरी संतान होने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया था. लोक शिक्षण विभाग ने महिला टीचर को नौकरी से बाहर निकालने का फैसला किया था.