MP Govt: केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से एमपी की चीफ सेकेट्री को एक मेमोरेंडम नोटिस भेजा गया है, जिसमें बड़ी जानकारी दी गई है. ऐसे में मध्य प्रदेश में चल रही सरकारी योजनाओं के फंड पर रोक लग सकती है. क्योंकि एमपी सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय को खर्ज की रिपोर्ट नहीं भेजी गई है. जिससे आगे का फंड जारी होने पर रोक लग सकती है. अगर ऐसा होता है तो फिर सरकारी योजनाओं के लिए आने वाले फंड पर रोक लग सकती है. 


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इस वजह से आया नोटिस 


दरअसल, एमपी सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय को सरकारी योजनाओं के खर्चों की रिपोर्ट नहीं भेजी है, ऐसे में राज्य सरकार से केंद्रीय योजनाओं का फंड लेने के लिए स्टेट नोडल फंड की जानकारी मांगी गई है. ऐसे में अब एमपी सरकार से जल्द से जल्द इन खर्चों की जानकारी भेजने के लिए आदेश जारी करने के लिए कहा गया है. जहां ई कुबेर में खर्च और हितग्राहियों की जानकारी देनी होगी, बता दें कि चीफ सेकेट्री ने केंद्र के पत्र के बाद कोष और लेखा विभाग के आयुक्त को निर्देश भेज दिया है. 


31 जुलाई को मिलेगा फंड


केंद्रीय वित्त मंत्रालय की तरफ से 31 जुलाई को केंद्र सरकार राज्य सरकारों को सरकारी योजनाओं के लिए फंड देगा. जिसका उपयोग राज्य में चलने वाली सरकारी योजनाओं के खर्च में किया जाता है. लेकिन अगर यह जानकारी जल्द नहीं भेजी गई तो फिर फंड अटक सकता है. हालांकि सरकार ने सभी योजनाओं पहले की तरह ही संचालित करने की बात कही है. सीएम मोहन यादव ने भी कल कहा था कि प्रदेश में सभी सरकारी योजनाएं आगे भी सुचारू रूप से संचालित की जाती रहेगी, उन पर कोई दिक्कत नहीं होगी. 


वहीं इससे पहले मध्य प्रदेश के वित्त विभाग ने 47 विभागों के 125 योजनाओं के फंड पर रोक लगाई थी. जिसमें वित्त विभाग की तरफ से निर्देश जारी किया गया था कि वित्त विभाग के निर्देश के बिना अनुमति के पैसा नहीं निकाला जा सकता है. फिलहाल राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ बना हुआ है. सरकार ने पिछले वित्त वर्ष में 42 हजार 500 करोड़ रुपए का लोन लिया था. इसलिए वित्त विभाग ने फिलहाल कई योजनाओं के लिए बिना अनुमति के पैसा नहीं निकालने के निर्देश दिए हैं. 


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