Chhattisgarh Politics: बीजेपी के दिग्गज नेता रहे पूर्व राज्यपाल फिर से सक्रिए राजनीति में लौट सकते हैं. छत्तीसगढ़ पहुंचने पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने बड़ा बयान दिया है.
Trending Photos
Ramesh Bais: महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रमेश बैस छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर वापस लौट चुके हैं. वह पिछले पांच सालों में तीन राज्यों के राज्यपाल रह चुके हैं, उनका आखिरी कार्यकाल महाराष्ट्र का रहा, जहां से विदाई के बाद वह वापस अपने गृहराज्य लौट आए. इस दौरान जब उनसे सक्रिए राजनीति में वापसी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला पार्टी लेगी, पार्टी की तरफ से मुझे जो भी आदेश दिया जाएगा उसका पालन होगा. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में मेरा पूरा कार्यकाल बेदाग रहा है मुझ पर एक भी आरोप नहीं लगा यही मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है, इस दौरान उन्होंने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर भी निशाना साधा.
उपचुनाव लड़ने पर दिया बड़ा बयान
दरअसल, छत्तीसगढ़ में बीजेपी के दिग्गज नेता रहे रमेश बैस लंबे समय से राज्यपाल की भूमिका में थे. लेकिन अब वह इस जिम्मेदारी से मुक्त हो चुके हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी उन्हें फिर से सक्रिए राजनीति में एक्टिव कर सकती है. वैसे भी बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट खाली हो चुकी है, जहां जल्द ही उपचुनाव की घोषणा हो सकती है. बीजेपी यहां मजबूत उम्मीदवार की तलाश में है, माना जा रहा है कि रायपुर की राजनीति में एक्टिव रहे रमेश बैस यहां से चुनाव लड़ सकते हैं. जब उनसे रायपुर दक्षिण में होने वाले उपचुनाव को लेकर सवाल किया तो उन्होंने इससे पूरी तरह से इंकार नहीं किया. रमेश बैस ने कहा पार्टी जो भी निर्णय करे, जैसा आदेश करे, उसका पालन करेंगे.
रमेश बैस के इस बयान के बाद अटकलें लग रही है कि रमेश बैस सक्रिए राजनीति में लौट सकते हैं. चर्चा यह भी है कि बीजेपी उन्हें केंद्रीय संगठन में भी कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है या फिर उन्हें राज्यसभा भी भेजा जा सकता है. हालांकि अभी तक बीजेपी ने इस पर आधिकारिकत तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन पिछले कुछ समय में यह देखा गया है कि बीजेपी ने कई राज्यपालों को सक्रिय राजनीति में वापस किया है.
ऐसा रहा राजनीतिक सफर
रमेश बैस बीजेपी के दिग्गज नेता रहे हैं, वह सात बार बीजेपी की तरफ से सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 1978 में रायपुर नगर निगम में पार्षद पद से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी. 1980 में वह पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश में विधायक बने थे. 1989 में पहली बार रायपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद 1996 ,1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 तक वह लगातार सात बार सांसद चुने गए थे. इस दौरान वह केंद्र सरकारों में मंत्री भी रहे.
29 जुलाई 2019 को उन्हें त्रिपुरा का राज्यपाल बनाया गया था. इसके बाद उन्होंने झारखंड और महाराष्ट्र में भी राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली थी. फिलहाल उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से विदाई लेकर गृहराज्य में वापसी कर ली है.
ये भी पढ़ेंः रायपुर रेल मंडल ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर; ये ट्रेनें हुई रद्द, इनका बदला रूट