प्रिया पांडेय/भोपालः मध्य प्रदेश में शासकीय चिकित्सक (government doctor) अपनी मांगो को हड़ताल (strike) पर जाने वाले हैं. हड़ताल की शुरुआत 01 मई से होगी. इसमें सरकारी डॉक्टर काली पट्टी (black band) बांधकर काम करेंगे. हड़ताल का समर्थन जूनियर डॉक्टर्स, गैस राहत के डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ समेत संविदा के कर्मचारी भी करेंगे. हड़ताल के दूसरे दिन ओपीडी (OPD) बंद रखेंगे. यदि उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो 03 मई से अनिश्चितकालीसन हड़ताल (indefinite strike) करेंगे. इस दौरान निजी अस्पताल और आयुष के डॉक्टर्स स्वास्थ्य सुविधाओं का मोर्चा संभालेंगे.


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3 मई से अनिश्चितकालीन धरना
आपको बता दें कि सरकार से नाराज स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स 1 मई से आंदोलन शुरू करेंगे.  प्रदेश भर के शासकीय डॉक्टर्स 2 मई को सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक काम बंद करेंगे. वहीं इनकी मांग पूरी नहीं होने पर  सरकारी चिकित्सक 3 मई सुबह 8 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरूआत करेंगे.


स्वास्थ्य सेवाएं हो सकती है प्रभावित
प्रदेश के 10,000 डॉक्टर हड़ताल पर जाने वाले हैं. इनके साथ लगभग 4-5 हज़ार जूनियर डॉक्टर्स भी इस हड़ताल में शामिल होंगे. हड़ताल में 13 मेडिकल कॉलेज, 1000 प्राइमरी हेल्थ सेंटर, 350 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 52 जिला अस्पताल के डॉक्टर्स और स्टाफ शामिल होंगे. गौरतलब है कि यदि अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत होती है तो 1 दिन में लगभग 4 से 5 हज़ार गंभीर मरीज पूरे प्रदेश में इस हड़ताल से प्रभावित होंगे. इस दौरान निजी अस्पताल और आयुष के डॉक्टर्स संभालने स्वास्थ्य सुविधाओं का मोर्चा संभालेंगे. 


कांग्रसे ने लगाया ये आरोप
चिकित्सक महासंघ के डॉ राकेश मालवीय का कहना है कि कई दौर की बातचीत हुई जिन मांगों पर सहमति बनी थी. उन्हें एंड टाइम पर मानने से मना कर दिया गया. इसलिए 1 मई से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी. वहीं कांग्रेस का आरोप है कि इस वक्त राज्य में हर वर्ग परेशान है, लगातार डॉक्टर से अपनी मांग रखते आए हैं केंद्र सरकार ने इस योजना को लागू किया हुआ है राज्य सरकार उस योजना को लागू करने से क्यों पीछे हट रही है, इसका जवाब दे.


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