Madhya Pradesh Health Department: मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग का अजीबों गरीब कारनामा सामने आया है. जहां शिवपुरी की एक नर्स के आत्महत्या (nurse suicide) करने के 66 दिन बाद स्वास्थ्य विभाग ने नर्स का तबादला (transfer) कर दिया है. हैरानी की बात यह कि डिप्रेशन (depression) की समस्या से ग्रसित नर्स जीते जी अपना ट्रांसफ करवाने के लिए विभाग के संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाती रही. लेकिन ट्रांसफर नहीं किया गया. जिसके बाद आखिरकर डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया. वहीं अब आत्महत्या के 66 दिन बाद नर्स के तबादले को लेकर जमकर किरकिरी हो रही है. 


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आत्महत्या के 66 दिन बाद हुआ तबादला
दरअसल बैतूल की रहने वाली स्वास्थ्य विभाग की नर्स तन्वी दबड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोड़ा में पदस्थ थी. तन्वी का परिवार भोपाल में रहता था. इसी वजह से वह अपना ट्रांसफर भोपाल के आस-पास किसी अस्पताल में कराना चाहती थी. इसके लिए वे अधिकारियों से बार-बार गुहार लगा रही थी. लेकिन जब अधिकारियों ने इनकी नहीं सुनी तो वे डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया. वहीं सुसाइड के 66 दिन बाद प्रशासन ने तबादले का आदेश जारी किया है.


ट्रांसफर के लिए लगाती रही गुहार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तन्वी दिसंबर 2022 में संविदा स्वास्थ्यकर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे थे. उस समय खोड़ प्राथमिक केंद्र पर तन्वी को 90-90 घंटे की ड्यूटी करनी पड़ती थी. जिसके चलते वे धीरे-धीरे डिप्रेशन का शिकार हो गई. वह अपने बीमारी का इलाज के लिए परिवार के साथ रहना चाहती थी. जिसके लिए वे बार-बार ट्रांसफर की गुहार लगा रही थी. वहीं 20 दिंसबर 2022 की रात वे अपने प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पर नींद की गोली लेकर सोने की कोशिश कर रही थी. किंतु उन्हें नींद नहीं आ रही थी. इसी दौरान उन्होंने नीद के गोली को ओवरडोज ले ली. जिसके चलते उनी मौत हो गई. 


वहीं तन्वी की मौत के 66 दिन बाद हुए ट्रांसफर को लेकर तान्वी के साथ काम करने वालों का कहना है कि विभाग द्वारा यही काम पहले किया गया होता तो शायद आज तान्वी जीवित होती. तन्वी के साथ काम करने वालों का कहना है कि वो अक्सर कहा करती थी कि उसे काफी अकेलापन महसूस होता है. 


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