MP Mukhyamantri Kisan Kalyan Yojana: हमारा देश कृषि प्रधान देश है. देश में ज्यादातर लोगों की आय कृषि पर ही निर्भर है. इसलिए कृषि को बढ़ावा देने के लिए देश की सभी सरकारें एक से एक स्कीम लेकर आती हैं. जहां एक और केंद्र सरकार साल में तीन किस्तों में किसानों को ₹6000 देती है तो वहीं मध्यप्रदेश की बात करें तो यहां पर भी शिवराज सरकार द्वारा किसानों को ₹4000 साल में प्रदान किए जाते हैं. अगर आप इस योजना के बारे में जानना चाहते हैं तो चलिए आपको इसके बारे में सब कुछ बताते हैं... 


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किसान कल्याण योजना क्या है?
मुख्यमंत्री शिवराज के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 22 सितंबर 2020 को शुरू की गई किसान कल्याण योजना केंद्र सरकार के मॉडल को प्रतिबिंबित करती है. पीएम किसान सम्मान निधि की तरह इस योजना से किसानों के खातों में सालाना 4,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है. बता दें कि 25 सितंबर, 2020, पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से प्रारंभ होने वाली मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के माध्यम से किसानों के खातों में साल में 2 बार राशि  हस्तांतरण की जाती है. इस योजना के तहत सरकार किसानों के खातों में 2,000 रुपये की दो अलग-अलग किस्तों में 4,000 रुपये जमा करती है.


किसान कल्याण योजना का उद्देश्य
शिवराज सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का प्राथमिक उद्देश्य कृषि को फायदा का काम बनाना है. यह योजना किसानों को उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है और उनमें आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देती है.


किसान कल्याण योजना के लिए कैसे करें अप्लाई?
योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, आप निम्नलिखित लिंक पर जा सकते हैं: http://saara.mp.gov.in/. इसके साथ ही पात्र लाभार्थी अपने क्षेत्र के पटवारी को योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं.


कैसे मिलते हैं पैसे?
राज्य सरकार एक सुव्यवस्थित सिंगल-क्लिक प्रक्रिया के माध्यम से किसानों के खातों में फंड ट्रांसफर करती है.


किसान कल्याण योजना की किस्त कब आती है?
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत पहली किस्त 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक किसानों के खाते में जमा की जाती है, और दूसरी किस्त 1 सितंबर से 31 मार्च तक जमा की जाती है.


 


किसान कल्याण योजना के लिए पात्रता:


-पीएम किसान सम्मान निधि योजना में शामिल होना. बता दें कि लाभार्थी का नाम पीएम किसान सम्मान निधि योजना में सूचीबद्ध होना चाहिए.
-आवेदक मध्य प्रदेश का निवासी किसान होना चाहिए.
-किसान के पास खेती योग्य भूमि होनी चाहिए.
-पात्रता छोटे और सीमांत किसानों तक ही सीमित है. बड़े गैर-कृषि भूमि वाले किसान इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे; केवल सीमित भूमि संसाधन वाले ही इसका लाभ उठा सकते हैं.


इन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ


-उच्च आर्थिक स्थिति वाले भूमि-स्वामी इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं.
-ऐसे व्यक्ति जो संवैधानिक पदों पर रहे हैं या वर्तमान में हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे.
-योजना से पूर्व और वर्तमान मंत्री, राज्य मंत्री, विधायी निकायों के सदस्य और केंद्र या राज्य सरकार के कर्मचारियों को बाहर रखा गया है.
-इस योजना का लाभ नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौरों के साथ-साथ जिला पंचायतों के अध्यक्षों को भी नहीं दिया जाता है. इसके अतिरिक्त, केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालयों, कार्यालयों और विभागों से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों सहित सभी सक्रिय या सेवानिवृत्त कर्मी इस योजना का लाभ उठाने के लिए अयोग्य हैं.
-10,000 रुपये या उससे अधिक की मासिक पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त पेंशनभोगी पात्र नहीं हैं.
-पिछले वित्तीय वर्ष में आयकर का भुगतान करने वाले व्यक्तियों को भी बाहर रखा गया हैय
-पेशेवर निकायों के साथ पंजीकृत या स्वतंत्र अभ्यास में लगे लोग इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं.