MP News: गांवों में एक कहावत बड़ी मशहूर है कि, भैंस के आगे बीन बजावै, भैंस खड़ी- खड़ी पगुराय... ये कहावत कहावत न रहकर मध्य प्रदेश (MP News in Hindi) के पन्ना (Panna News) में हकीकत में बदल गई. जिले के ग्राम पंचायत मोहन्द्रा अंतर्गत आने वाले गांव रानीपुरा के ग्रामीण पक्की सड़क के लिए वर्षों से परेशान हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में गांव वालों ने भैंस को ज्ञापन सौंपा और उसके सामने ताली, थाली और बीन बजाई. गांव वाले के इस अनोखे प्रदर्शन ने बड़ा संकेत दिया है. 


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भैंस को ज्ञापन 
सड़क ना बनने से नाराज गांव वालों ने भैंस को ज्ञापन सौंपते हुए एक बड़ा संकेत दिया है. गांव वालों ने न केवल अपना ज्ञापन भैंस को सौंपा बल्कि भैंस के सामने ताली थाली और बीन भी बजाई. इस अनोखे प्रदर्शन की काफी ज्यादा चर्चा है. साथ ही साथ गांव वालों ने सीटी और शंख बजाकर इसका विरोध भी किया. 


जिले के रानीपुरा निवासी पुखराज यादव ने बताया कि मुख्य सड़क से करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर बसे हमारे गांव के लोग पिछले कई सालों से पहुंच मार्ग को पक्का बनवाए जाने की मांग कर रहे हैं. पक्की सड़क न होने की वजह से यहां बरसात के समय निकलने में खासी दिक्कत होती है. साथ ही साथ गर्मियों में इस सड़क से धूल के गुबार उड़ते हैं. वहीं बरसात में मार्ग के गड्ढे कीचड़ से भर जाते हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं, बुजुर्गों और स्कूली बच्चों को होती है. 


इसके अलावा उनका कहना है कि हम लोग आवेदन देते हैं और आश्वासन मिलता है जिसकी वजह से थक गए हैं. ऐसे लगता है कि जैसे हम लोगों की मांग को ठीक उसी तरह अनसुना किया जा रहा है जैसे भैंस के सामने कोई कुछ भी करता रहे कोई फर्क नहीं पड़ता. 


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साथ ही साथ बताया कि 2018 में विधानसभा चुनाव के पहले जब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी जन आशीर्वाद यात्रा लेकर सिमरिया से मोहन्द्रा जा रहे थे तो रास्ते में हम लोगों ने रोक कर सड़क की मांग की. मुख्यमंत्री ने आश्वासन स्वरूप कहा कि यहां से भाजपा को जिताइए आपकी सड़क बन जाएगी.  2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी प्रहलाद लोधी जीते, बावजूद पूरे 5 साल गुजर जाने के बाद भी स्थानीय लोग अपनी इस मांग के पूरा न होने पर खासे निराश हैं. बता दें कि साल भर पहले इस गांव के लोग इसी सड़क में धान रोपकर भी प्रदर्शन कर चुके हैं. 


अन्य प्रदेश 
 छिंदवाड़ा में भारिया जनजाति की महिलाओं ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर सीएम के नाम से ज्ञापन सौंपा हैं.  महिलाओं ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि आहार योजना के तहत लाभ मिलता था. जिसके कारण उन्हें लाडली बहन योजना में शामिल नहीं किया गया है लेकिन बाद में आहार योजना का पैसा भी बंद कर दिया गया है और अब उन्हें दोनों योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से अब महिलाएं काफी ज्यादा परेशान हैं. 


महिलाओं का कहना है कि उन्हें आहार योजना या फिर लाडली बहन योजना में शामिल किया जाए जिससे कि हमें योजनाओं का लाभ मिल सके. जिसकी वजह से बड़ी संख्या में भारिया जनजाति की महिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुंचकर सीएम के नाम से ज्ञापन सौंपा है और योजनाओं का लाभ दिलाने का निवेदन किया है और कहा कि हमें योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए.