MP News: दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में फिर एक बड़ा मामला सामने आया है, जब जिले के सबसे बड़े अस्पताल यानी जिला अस्पताल ( Damoh District Hospital ) में जमकर तोड़फोड़ और हंगामा ( Vandalized ) हुआ. ICU वार्ड को तहस नहस कर दिया गया, जिस कारण वहां भर्ती मरीजों की जान अटकी रही. इतना ही नहीं जब मामले की जानकारी बसपा विधायक रामबाई ( BSP MLA Rambai ) को लगी तो वो भी समर्थन में उतर आईं और अस्पताल पर गंभीर आरोप लगा दिए.


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मरीज की मौत के बाद हंगामा
दरअसल ये हंगामा और तोड़फोड़ एक मरीज की मौत के बाद हुआ. इतना ही नही हंगामा करने वालों के समर्थन में इलाके की चर्चित और दबंग विधायक रामबाई सिंह भी उतर आईं.  हालातों को देखते हुए अस्प्ताल को पुलिस छावनी में तब्दील करना पड़ा. जब तक अस्प्ताल प्रबंधन कुछ करता तब तक अस्प्ताल की सूरत बदल चुकी थी. हगामा करने वालों ने स्टाफ के साथ भी मारपीट की.


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शनिवार को कराया गया था भर्ती
शनिवार को जिला अस्पताल में रमन राठौर नाम के एक मरीज को उल्टी दस्त की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था. लेकिन, उसकी हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड में दाखिल किया गया. हालांकि तमाम कोशिशों के बाद रविवार की देर शाम मरीज की मौत हो गई. रात में जैसे ही परिजनों खबर लगी वे बड़ी संख्या में अस्प्ताल पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया. अस्प्ताल के आई ICU को तहस नहस कर दिया.


पुलिस छावनी में बदला परिसर
खबर बसपा की चर्चित विधायक रामबाई सिंह को लगी तो वो भी रात के में अस्प्ताल पहुंची और अपने क्षेत्र के मरीज की मौत के बाद आग बबूला हो गईं. रामबाई के पहुंचते ही मामला और गरमाया और अस्प्ताल में हालात बिगड़ने लगे. पुलिस को सूचना दी गई तो बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंचा और अस्प्ताल पुलिस छावनी में बदल गई.


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विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
मृतक के परिजन इलाज में लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं तो विधायक ने बेहद गंभीर आरोप लागये हैं. रामबाई के मुताबिक, इन अस्पतालों में दलाली का काम चल रहा है. प्रायवेट अस्पतालों मरीजों को रेफर किया जाता है. उन्होंने कहा की प्रायवेट एम्बुलेंस के जरिये मरीजों को जबलपुर के निजी अस्पतालों में भेजा जाता है. जहां से कमीशन डॉक्टरों को मिलता है.


सख्ते में अस्पताल प्रबंधन
घटना के बाद अस्प्ताल प्रबंधन सख्ते में है. सिविल सर्जन डॉ राजेश नामदेव रूंधे गले से बयान देते हुए कहा कि विपरीत हालातों में कम डॉक्टर्स और स्टाफ के बाद भी यहां इलाज दिया जा रहा है. ऐसे में यदि ये सब होगा तो फिर वो सब काम नहीं कर पाएंगे.


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