भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के नतीजें बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के लिए ही अलर्ट माने जा रहे हैं. क्योंकि बीजेपी को एक तरफ कई बड़े शहरों में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन बीजेपी ने नगर पालिका और नगर परिषदों में अच्छा प्रदर्शन किया. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने पांच बड़े नगर निगमों में जीत दर्ज की लेकिन लेकिन कई जगहों पर पार्टी को हार का सामना भी करना पड़ा. ऐसे में ''मिशन-2023'' की तैयारियों में जुटी दोनों पार्टियां अब एक ही राह पर नजर आ रही हैं. दोनों ही पार्टियों में नगरीय निकाय चुनाव के बाद सख्ती होने की उम्मीद लग रही है.


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दोनों पार्टियों में समीक्षा का दौर 
दरअसल, दोनों ही पार्टियों में निकाय चुनाव के बाद समीक्षा का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी विधायकों को बड़ी नसीहत देते हुए भोपाल से मोह छोड़कर क्षेत्र पर फोकस करने की सलाह दी है. तो बीजेपी ने भी निकाय चुनाव में जहां-जहां हार मिली है. वहां समीक्षा और पार्टी को मजबूत करने का काम विधायकों दिया है. खास बात यह है कि दोनों ही पार्टियां एक ही राह पर चलती नजर आ रही हैं. लेकिन दोनों एक दूसरे पर निशान भी साध रही हैं. 


कांग्रेस ने विधायकों को दी नसीहत 
निकाय चुनाव में कांग्रेस ने तीन विधायकों को महापौर का चुनाव लड़ाया था. लेकिन तीनों को हार का सामना करना पड़ा. जबकि कई नगर पालिका और परिषदों में भी पार्टी हार गई. हालांकि कांग्रेस ने पांच बड़े नगर निगमों जीत दर्ज की है. ऐसे में अब कांग्रेस ने अपने विधायकों को भोपाल का मोह छोड़ने की सलाह दे दी है. कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजीव सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने विधायकों को भोपाल की दौड़ की जगह क्षेत्र पर फोकस करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को 2023 की तैयारियों में जुट जाने के लिए यह निर्देश दिए हैं..''


बीजेपी भी समीक्षा में जुटी 
वहीं नगर निगम चुनाव के नतीजों के बाद बीजेपी भी समीक्षा में जुटी है. बीजेपी का कहना है कि जिन नगर निगमों में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है. वहां समीक्षा की जा रही है. जबकि 2023 के लिए भी अब तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं कांग्रेस विधायकों को मिली नसीहत पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी ने कहा कि कांग्रेस कुछ भी कर ले जनता ने कांग्रेस की एंट्री पर रोक लगा दी है.''


2023 पर फोकस की सलाह 
दरअसल, बीजेपी को इस बार 16 में से केवल 9 नगर निगमों में महापौर के चुनाव में जीत मिली है. जबकि सात नगर निगम उसके हाथ से निकल गए. वहीं बात अगर कांग्रेस की जाए तो कांग्रेस को पांच नगर निगमों में जीत मिली है. लेकिन पिछली बार की तुलना में इस बार पार्टी के हाथ से कई नगर पालिकाएं और नगर परिषद निकल गईं. जबकि कई जगहों पर उसको करीब जाकर हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में दोनों ही पार्टियों को लिए यह नतीजें 2023 के लिए काफी मायने रखते हैं. 


यही वजह है कि दोनों ही पार्टियों ने समीक्षा के साथ-साथ विधायकों को भी ''मिशन-2023'' के लिए अपने-अपने क्षेत्रों पर फोकस करने की सलाह दी है. हालांकि दोनों ही पार्टियां अपने लिए निकाय चुनाव के नतीजों को अच्छा मान रही है. लेकिन वह हार की समीक्षा में भी जुटी हैं. 


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