भोपाल: मध्य प्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly) में ओबीसी (OBC Reservation) के आरक्षण को लेकर बहस के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh) ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पंचायत चुनाव (MP Panchayat Chunav) ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे. सीएम ने कहा इसके लिए सरकार कोर्ट जाएगी. इसे लेकर सीएम ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की है और मामले पर  कानूनविदों के साथ भी मंथन किया. इस ऐलान के बाद मामले पर श्रेय लेने की रेस शुरू हो गई. सीएम के ऐलान के तुरंत बाद कांग्रेस ने ट्वीट कर खुद की तारीफ कर ली और पूरे श्रेय खुद को दे दिया.


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'कांग्रेस के संघर्ष की फिर जीत'
एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर इसे अपने संघर्ष की जीत करार दिया. उन्होंने लिखा 'कांग्रेस के संघर्ष की फिर जीत हुई, शिवराज सरकार ने गलती स्वीकारते हुये पंचायत चुनावों को ओबीसी आरक्षण के साथ ही कराने की कांग्रेस की माँग स्वीकार कर ली है. कांग्रेस की पहल रंग लाई. ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे पंचायत चुनाव. जब कांग्रेस है साथ, पूरी होगी हर बात.  मामले पर कमलेश्वर पटेल ने कहा कि कमलनाथ जी के दबाव में शिवराज सरकार झुकी है और ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव नहीं करने की मांग को स्वीकार किया. पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में कांग्रेस पार्टी आज विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लेकर आई थी. कांग्रेस पार्टी की मांग थी कि पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण ना कराए जाएं और मामले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए. माननीय कमलनाथ जी ने 2 दिन पहले ही कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग के बाद यह घोषणा कर दी थी कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं होने चाहिए. आज मध्य प्रदेश सरकार ने कांग्रेस की इस मांग के सामने समर्पण कर दिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में माननीय कमलनाथ जी की  मांग स्वीकार कर लीं. 


MP पंचायत चुनाव पर बड़ी खबर: OBC आरक्षण के साथ ही होंगे चुनाव, CM Shivraj Singh का ऐलान


'भाजपा का चरित्र ओबीसी विरोधी'
कमलेश्वर पटेल ने कहा कि अब सरकार ने कह दिया कि वो ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है और इस मामले में दोबारा सुप्रीम कोर्ट जाएगी. माननीय कमलनाथ जी ने दो दिन पहले कांग्रेसी विधायक दल की बैठक के बाद यह दोनों मागें सरकार के सामने रखी थी. मध्य प्रदेश सरकार के इस बयान के बाद यह बात स्पष्ट हो गई है कि भारतीय जनता पार्टी अब तक लगातार झूठ बोल रही थी. भाजपा की रणनीति जानबूझकर चुनाव प्रक्रिया में संवैधानिक कमियां छोड़कर चुनाव से बचने की थी. भाजपा का चरित्र शुरू से ही ओबीसी विरोधी है. 


 



'नौकरियों में 27% OBC आरक्षण BJP के कारण रुका'
'माननीय कमलनाथ जी ने बहुत स्पष्ट शब्दों में मध्य प्रदेश सरकार को समझा दिया था कि अगर ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव कराएगी तो कांग्रेस पार्टी सड़क से लेकर संसद तक और न्यायालय तक संघर्ष के लिए तैयार है. भाजपा की ओबीसी विरोधी नीति के बारे में माननीय कमलनाथ जी ने स्पष्ट कर दिया था कि नौकरियों में 27% ओबीसी आरक्षण भी भाजपा के कारण से रुका है. पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को भी भाजपा ने नुकसान पहुंचाया है. अगर मध्य प्रदेश चुनाव आयोग और मध्य प्रदेश सरकार के वकील माननीय सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण स्थगित किए जाने के खिलाफ पैरवी करते तो परिस्थितियां दूसरी हो सकती थीं. माननीय कमलनाथ जी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता ओबीसी के हक की लड़ाई लड़ता रहेगा और न्याय दिला कर ही दम लेगा'. 


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