भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है, बीजेपी और कांग्रेस के नेता टिकट को लेकर लगातार कोशिश में जुटे हैं. कहते है दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक कर पीता है कुछ यही हाल एमपी कांग्रेस के भी है. 2020 में कांग्रेस के विधायकों और नेताओं की विशाल टूट के बाद सत्ता से बेदखल हुई सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को अब अपनों से भरोसा उठ गया है. ऐसे में एमपी कांग्रेस ने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को एक नया फरमान जारी किया है. जिस पर बीजेपी ने तंज कसना भी शुरू कर दिया है. 


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कांग्रेस टिकट से पहले लेगी शपथ पत्र 
दरअसल, कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनाव के दावेदारों से शपथ पत्र की मांग की है, जिस भी कार्यकर्ता को टिकट दिया जाएगा उसे शपथ पत्र देना होगा. क्योंकि पार्टी अब किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती है. इसलिए उसने अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह फरमान जारी कर दिया है. 


भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने कहा पिछले चुनावों में कांग्रेस कार्यकर्ता निर्दलीय खड़े हो जाते थे, जिससे पार्टी को नुकसान होता था, पार्टी में हुई टूट से भी कांग्रेस को बहुत खामियाजा उठाना पड़ा है, ऐसे में शपथ पत्र से नेता कार्यकर्ता से कमिटमेंट लिया जा रहा है, ताकि आगे टूट जैसे हालात न बने. 


शपथ पत्र में देनी होगी पूरी जानकारी 
शपथ पत्र में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को पत्र में यह लिखना होगा कि वह पार्टी के प्रति हमेशा अपनी पूरी निष्ठा रखेंगे, टिकिट नहीं मिला तो निर्दलीय खड़े नहीं होंगे. आगे भी पार्टी का सपोर्ट करेंगे. पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव से पहले यह शपथ पत्र देना होगा. 


अपने ही कार्यकर्ताओं का अपमान कर रही कांग्रेसः बीजेपी 
वहीं कांग्रेस द्वारा अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को सुनाए गए इस फरमान पर बीजेपी ने तंज कसना भी शुरू कर दिया है. बीजेपी के प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने कहा कि ''आज कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की भी दुर्भाग्य जनक स्थिति हो गई है. शपथ पत्र लेकर रही कांग्रेस! शपथ पत्र के जरिये कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कमलनाथ अपमान कर रहे हैं, कमी कांग्रेस के नेताओं में हैं कार्यकर्ताओ में नहीं हैं.''


बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं से शपथ पत्र लिया हो, इससे पहले भी कांग्रेस चुनाव के वक्त कार्यकर्ताओं से शपथ पत्र ले चुकी है. क्योंकि पार्टी निकाय चुनाव को लेकर किसी प्रकार का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. 


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