बदहाल सिस्टमः सड़क न होने से नहीं आई एंबुलेंस, बुजुर्ग महिला को खाट पर लिटाकर ले गए परिजन
गांव में एक बुजुर्ग महिला की तबियत अचानक से बिगड़ गई. जिसके बाद उसे खाट पर लिटाकर ले जाया गया.
अभय पाठक/अनूपपुरः मध्य प्रदेश के कई ग्रामीण इलाकों में अभी सड़कें नहीं बन पाई हैं. अनूपपुर जिले के जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत अमदरी के खाल्हे धवई गांव से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. यहां पक्की सड़क न होने से बुजुर्ग महिला को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक खाट पर लिटाकर ले जाना पड़ा.
यह है पूरा मामला
दरअसल, धबई गांव में एक बुजुर्ग महिला की तबियत अचानक से बिगड़ गई. तबियत बिगड़ने से परेशान परिजनों ने मामले की जानकारी सरपंच को दी और उनसे मदद मांगी. लेकिन जब काफी देर तक कोई इंतजाम नहीं हुआ तो परिजन खुद अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे. इधर सरपंच के पति राममिलन सिंह ने 108 पर फोन कर एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की. तब 108 कंट्रोल सेंटर भोपाल में बैठी मैडम ने मरीज का नाम और गांव की जानकारी मांगी. जैसे ही मैडम ने गांव का नाम सुना तो एंबुलेंस भेजने से मना कर दिया. यह सब गांव के ग्रामीणों ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया.
इधर महिला की हालत बिगड़ती देख परिजन खाट पर ही महिला को लिटाकर कंधों के सहारे मुख्य सड़क तक ले गए. 4 किलोमीटर तक खाट पर लिटा जाने के बाद मुख्य मार्ग पर ऑटो मिला, जिसके बाद बुजुर्ग को ऑटो में बिठाकर स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया. खास बात यह है कि यह इस तरह का कोई पहला मामला नहीं इससे पहले भी गांव में ऐसी स्थिति बन चुकी है.
सड़क बनाने के लिए मिलता है सिर्फ आश्वासन
ऐसा नहीं की ग्रामीणों ने सड़क बनवाए जाने को लेकर कोशिश नहीं की है. जनपद पंचायत, विधायक, सांसद सहित मुख्यमंत्री तक को ज्ञापन ग्रामीणों द्वारा सौंपा है. ग्राम पंचायत में आम सहमति से प्रस्ताव बना जिला पंचायत में भेजा गया. लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है. हालात आज भी जस के तस है.
जब सम्बंधित विभागों से ग्रामीणों की दुर्दशा और बदहाल सड़क पर सवाल किया गया तो सभी इसकी टोपी उसका सर करते दिखाई दिए. काफी मशक्कत के बाद बताया गया कि अमदरी ग्राम पंचायत में आने वाले धबई गांव को राजस्व का दर्जा दिया गया है. जहां की कुल आबादी 1172 है, धबई ग्राम दो मोहल्लों में बांटा गया है, टिकरा धबई और खाल्हे धबई. दोनों की आपस में दूरी 4 किलोमीटर है. खाल्हे धबई में 372 महिला 370 पुरुष और 259 बच्चे निवास करते हैं. महज राजस्व ग्राम का दर्जा न होने से सड़क नही बनाई गई है. जिससे यहां के लोगों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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