कुछ ही दिन में शुरू होने वाला है नवरात्र का त्योहार, जानें क्यों परेशान हैं मूर्तिकार
26 सितंबर से नवरात्र प्रारंभ होने जा रहे हैं. ऐसे में मिट्टी से मूर्ति को आकार देने वाले परिवार अब अपने ही जीवन को पूर्ण रूप से आकार देने में अक्षम है. मन को मोह लेने वाली जीवंत मूर्तियों को बनाने वाले मूर्तिकारों के परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं.
सचिन गुप्ता/छिंदवाड़ा: 26 सितंबर से नवरात्र प्रारंभ होने जा रहे हैं. ऐसे में मिट्टी से मूर्ति को आकार देने वाले परिवार अब अपने ही जीवन को पूर्ण रूप से आकार देने में अक्षम है. मन को मोह लेने वाली जीवंत मूर्तियों को बनाने वाले मूर्तिकारों के परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. बढ़ती हुई महंगाई का सामना मूर्तिकारों को भी करना पड़ रहा है. लेकिन पारिवारिक पेशा होने के चलते अब वे इसी व्यवसाय में रम चुके हैं. अब इस पेशे के अलावा उनके पास कोई काम भी नहीं है.
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गौरतलब है कि आगामी 26 सितंबर से नवरात्र प्रारंभ होने जा रहे हैं. जहां एक ओर सार्वजनिक दुर्गा पंडालों में मूर्ति स्थापना के लिए साज-सज्जा जारी है तो वहीं दूसरी ओर मूर्तिकार प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट चुके हैं लेकिन धर्म और आस्था से जुड़े मूर्तिकारों कि अपनी अपनी तकलीफें हैं.
बढ़ती महंगाई बनी परेशान
मूर्तिकारों का कहना हैं कि बढ़ती महंगाई के साथ ही मूर्ति निर्माण में लगने वाली सामग्री के दाम भी अब दोगुने हो चुके हैं. मूर्ति बनाने में लगने वाली घास छिंदवाड़ा के समीपस्थ जिले बालाघाट से बुलाई जा रही है. इसके दाम पिछले 2 साल में दोगुने हो चुके हैं. इसी तरह मिट्टी छिंदवाड़ा जिले के ही दमुआ से बुलाई जाती है. भाड़ा अधिक होने के कारण मिट्टी के दाम स्वतः ही बढ़ गए है.
नवरात्र में होती है आय
मूर्तिकारों का कहना है कि दाम जिस तुलना में बढ़े है. उसकी अपेक्षा में मूर्ति के दाम बहुत कम मिल रहे है. फ़िलहाल जिले में नवरात्रि को लेकर आदिशक्ति मां दुर्गा की प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है. लेकिन इस उल्लास और शक्ति की आराधना के पर्व में मूर्तिकारों का अपना एक अलग दुख है, क्योंकि गणेशोत्सव और नवरात्र में ही इनकी आय होती है.