Durga Puja: मां दुर्गा क्यों धारण करती हैं अस्त्र-शस्त्र, जानिए पौराणिक महत्व
Shardiya Navratri 2022: नवरात्री का पर्व शुरू हो चुका है. हम 9 दिनों तक देवी मां की पूजा, आराधना करते हैं. देवी मां अपने 10 भुजाओं में 10 अस्त्र धारण करती हैं. क्या आप जानते हैं ये अस्त्र कौन से होते हैं और किनसे मिले हैं ये अस्त्र...
Weapons Of Devi Maa: आज नवरात्री का पहला दिन है. अब से लेकर 9 दिनों तक देवी मां की पूजा आराधना की जाएगी. हम पंडालों पर या घर में मां भगवती की प्रतिमा को देखते हैं पर क्या कभी यह सोचा है की मां जिन अस्त्र-शस्त्र को धारण करती हैं, उसका उद्देश्य क्या है या फिर ये कहां से आए? आइए जानते हैं इन अस्त्रों के बारे में कि आखिर मां दुर्गा ने ये अस्त्र-शस्त्र क्यों धारण किया था और क्या है इसका महत्व?
चक्र- मां भगवती के हाथों में अपने चक्र देखा होगा . यह अस्त्र माता को भक्तों की रक्षा करने हेतु भगवान विष्णु ने प्रदान किया था. उन्होंने ये चक्र खुद अपने चक्र से उत्पन्न किया था.
त्रिशूल- त्रिशूल को भगवान शंकर ने स्वयं देवी मां को प्रदान किया था. इस त्रिशूल में 3 नोक बने हुए है जो मनुष्य के 3 गुणों के बारे तामस, राजस और सत्त्व के बारे में बताता है. मां दुर्गा की करुणा तीनों गुणों को जीतने और विजयी होने के लिए आवश्यक ज्ञान प्रदान करती है. इस त्रिशुल से देवी ने महिषासुर समेत अन्य असुरों का वध किया था.
शंख- मां भगवती के हाथों में जो शंक है उसे वरुण देव ने भेट किया था. इस शंक से ओम की ध्वनि निकलती है जिससे, धरती, आकाश और पाताल में मौजूद असुर कांप जाते थे.
वज्र- माता को यह अस्त्र इंद्रदेव ने प्रदान किया था. उन्होंने अपने वज्र से यह दूसरा वज्र उत्पन्न कर माता को दिया था. यह अस्त्र बहुत शक्तिशाली है. युद्ध मैदान में इसे निकलते ही असुर भाग खड़े होते थे.
दंड- यह अस्त्र काल के देवता यमराज ने अपने कालदंड से निकाल कर भेट किया था. देवी ने युद्ध भूमि में इसी दंड से दैत्यों को बांधकर धरती घसीटा था.
धनुष-बाण- मां भवानी को धनुष और बाणों से भरा तरकश स्वयं पवन देव ने असुरों का संघार करने के लिए भेंट किया था.
तलवार- देवी मां के हाथों में धारण किया हुआ तलवार और ढाल यमराज ने भेंट किया था. पौराणिक कथाओं के अनुसार मां भगवती ने असुरों का संघार इसी तलवार और ढाल से किया था.
कमल का फूल- यह भगवान ब्रह्मा ने देवी मां को भेंट किया था. यह इस बात का प्रतीक है कि अर्ध-खिला हुआ कमल सबसे कठिन परिस्थितियों में भी लोगों के विचारों में आध्यात्मिक चेतना को जन्म देता है.
भाला- अग्निदेव के द्वारा माता को यह अस्त्र प्रदान किया गया था. यह उग्र शक्ति और शुभता का प्रतीक है.
फरसा- यह अस्त्र ब्रह्मा पुत्र भगवान विश्वकर्मा ने भगवती को प्रदान किया था और चंड-मुंड का सर्वनाश करने वाली देवी ने काली का रूप धारण कर हाथों में तलवार और फरसा लेकर ही असुरों का वध किया था.
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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और धार्मिक जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)