10 मिनट वाले फूड डिलिवरी ऐप को लेकर इस डॉक्टर ने किया अलर्ट, "हमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा नहीं खाना चाहिए"
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10 मिनट वाले फूड डिलिवरी ऐप को लेकर इस डॉक्टर ने किया अलर्ट, "हमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा नहीं खाना चाहिए"

Instant Food Delivery: अगर ऑर्डर करने के 10 मिनट बाद ही फूड डिलिवरी ऐप आपको भोजन सर्व कर रहा है, तो सोचिए ये कैसे तैयार किया गया होगा, और क्या वो तरीका अपकी सेहत के लिए अच्छा भी है, या नहीं. 

10 मिनट वाले फूड डिलिवरी ऐप को लेकर इस डॉक्टर ने किया अलर्ट, "हमें अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा नहीं खाना चाहिए"

10 Minute Food Delivery Health Risk: टेक्नोलॉजी के विकास का असर हमारे खाने पीने की आदतों पर पड़ा है, जो आज के दौर में साफ तौर से देखा जा सकता है. आज कई फूड डिलिवरी कंपनियां हमें 10 मिनट खाना घर तक पहुंचाने का दावा कर रहे हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि क्या ये अल्ट्रा-फास्ट सर्विस हमारी सेहत के लिए अच्छी है भी या नहीं? हेल्थ एक्सपर्ट इसको लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं, इस फिक्र की वजह भी बता रहे हैं. 

इंस्टेंट फूड डिलीवरी को लेकर डॉक्टर ने चेताया
भारत के मशहूर ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. मनन वोहरा (Dr. Manan Vora) ने  लिंक्डइन पर लिखा, "मैं डॉक्टर हूं, और मेरे ख्याल से 10 मिनट में फूड डिलिवरी का नया ट्रेंड हमारी सेहत के लिए तबाह करने वाला कदम होगा है. कुछ कंपनियां अब क्विक कॉमर्स फूड डिलिवरी में कॉम्पिटीशन कर रहे हैं.

"10 मिनट में कैसे पहुंच रहा है खाना?"
डॉ. मनन ने आगे लिखा, "उनका कहना है कि ये हमारी सुविधा के लिए है. लेकिन हमें रुकना होगा और एक अहम सवाल पूछना होगा. ये खाना 10 मिनट में मुझ तक कैसे पहुंच रहा है? फूड को 10 मिनट में पहुंचाने के लिए इसे 3 मिनट या उससे कम वक्त में पकाना होगा. और वो इसे सिर्फ अल्ट्रा प्रोसेस्ड, रेडी टू ईट मील से ही हासिल कर सकते हैं."

डॉक्टर ने बताया कि ये प्रि-कुक्ड से फ्रोजेन फॉर्म में जाते हैं, फिर माक्रोवेव्ड होते हैं और आखिर में हमारी प्लेट तक डिलीवर हो जाते हैं. मैंने फूड डिलिवरी ऐप से ऑर्डर करने के खतरे के बारे में पहले भी बात की है, लेकिन ये क्विक कॉम फूड सबसे ज्यादा खतरनाक है.
 

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अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के खतरे

सिमिलर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड को लेकर जो स्टडीज हुई हैं उससे कई नतीजे सामने आए हैं जैसे:-

1. ये कैंसर के रिस्क को 12 फीसदी और कार्डियोवेस्कुलर डिजीज के खतरे को 10 फीसदी बढ़ा देते हैं. 

2. इनका रिश्ता बढ़ते हुए मोटापे की दर से है, जिससे 27.8 फीसदी इंडियन अडल्ट्स से है

3. इस तरह के फूड्स से शुगर स्पाइक होता है, और डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है.

4. इनमें काफी मात्रा में ट्रांस फैट होता है, जो हार्ट डिजीज में योगदान करते हैं

"अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा ने डिलिवर करें"
डॉ. मनन ने आगे कहा, "ये कंपनियां हमारी सुविधा की जरूरत का फायदा उठाना चाहती हैं,  लेकिन ये 20 मिनट का अंतर वास्तव में इसके लायक नहीं है. अगर आपके पास घर का बना खाना नहीं है और आपको ऑर्डर करना है, तो ऐसा करें, लेकिन ताजे भोजन के लिए थोड़ा और इंतजार करें. अपनी सेहत से समझौता न करें. डियर कंपनीज, हम नहीं चाहते कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड कचरा 10 मिनट में डिलिवर किया जाए."

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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