Harda News: अर्जुन देवड़ा/हरदा। पिछले दिनों छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे ने अपने इस्तीफे से खूब सुर्खियों बटोरी. अब उनकी सियासी धरती में कदम रखने की चर्चाएं तेज हो गई है. हालांकि, जब उन्होंने इस्तीफा दिया था तो उनके बयान से इस बात की कयास लगाए जाने शुरू हो गए थे. लेकिन, अब उनकी नेताओं से मुलाकात से इस बात को दम मिल रहा है.


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इन नेताओं से की मुलाकात
अपने पद से इस्तीफा देने वालीं छतरपुर जिले के लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे ने शनिवार को हरदा में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा से पूर्व विधायक आरके दोगने के निवासी पर मुलाकात करने के लिए पहुंची. निशा बांगरे का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है. फिर भी कयास सगाए जा रहे हैं कि वो बैतूल जिले के आमला से चुनाव लड़ सकती हैं.


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लड़ सकती हैं चुनाव
अब निशा बांगरे की राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा से पूर्व विधायक आरके दोगने के निवासी पर हुई मुलाकात को लेकर सियासी बाजार गर्म हो गया है. चारो तरफ लोग इसी बात को लेकर चर्चा कर रहे हैं कि क्या कांग्रेस निशा बांगरे को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट देने जा रही है.


निशा बांगरे ने चुनाव से किया इनकार
हालांकि, चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने मीडिया से कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो गलत किया गया. उसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई है. इसी सिलसिले में आज उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा से मुलाकात की है. उन्होंने अपने केस को लेकर विवेक तन्खा से मुलाकात की है.


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क्यों दिया था इस्तीफा?
दरअसल निशा बांगरे ने आमला में नवनिर्मित अपने मकान का लोकार्पण कार्यक्रम 25 जून को रखा था. इसी दिन यहां अंतरराष्ट्रीय सर्वधर्म शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसके संयोजक निशा बांगरे के पति थे. निशा बांगरे ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर सर्वधर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने की अनुमति मांगी थी. लेकिन, सरकार ने अनुमति नहीं दी. अनुमति नहीं मिलने का हवाला देकर निशा बांगरे ने इस्तीफा दे दिया है.


सरकार ने जारी किया था नोटिस
इतना ही नहीं सरकार की ओर से आयोजन में शामिल होने पर आयोजन समिति को नोटिस भी जारी किया गया था. इसके अलावा भोपाल में आवंटित मकान को खाली नहीं करने का नोटिस थमाया गया था. लेकिन, निशा अब मकान भी खाली कर चुकी हैं.


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