बड़वानी: केंद्र की मोदी सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए इसके निर्यात पर 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी है. अब बाजार में प्याज की आवक बढ़ने से इसका दाम काफी घट गया है. एक माह पहले 70 से 80 रुपये किलो बिकने वाला प्याज 15 से 25 रुपये किलो बिकने लगा है. 


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बता दें कि निमाड़ अंचल में खासकर राजपुर में अत्याधिक प्याज की खेती होती है और अधिकतर यहां का प्याज बाहर की मंडियों में ही जाता है. जिससे प्याज के दाम के चलते किसानों के चेहरे पर चमक बिखरी रहती है.


सरकार को मान रहे दोषी
प्याज जहां किसानों के चेहरे खिला देता है तो वहीं आमजन की रसोई से दूर हो जाता है और कई बार प्याज का दाम आसमान छू लेता है. एक माह पहले तक कि ही बात की जाए तो प्याज का भाव 70 से 80 रुपये किलो तक था. लेकिन अब अच्छी क्वालिटी का दाम भी ज़मीन पर आता दिखाई दे रहा है. किसान जिसकी वजह केंद्र सरकार द्वारा प्याज पर रोक लगाने को मानते है.


किसान कहते हैं कि यहां प्याज सिर्फ इंदौर नहीं बल्कि देश सहित अन्य जगहों पर भी निर्यात होता है. लेकिन केंद्र सरकार के निर्णय के चलते फिलहाल प्याज बाहर नहीं जा रहा है. निमाड़ से सिर्फ इंदौर मंडी ले जाकर प्याज को बेच रहे है लेकिन दाम नहीं मिल पा रहे. प्याज की लागत भी नहीं निकल पा रही है. जिससे किसान सरकार से मांग करते है कि उनकी प्याज का कम से कम 25 रुपया किलो मूल्य तय कर दिया जाए जिससे किसानों के नुकसान की भरपाई हो जाए.


बता दें कि मोदी सरकार ने अप्रैल-मई 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. हालांकि घरेलू बाजार में प्याज की कोई कमी नहीं है. 


रिपोर्ट- वीरेंद्र वाशिंदे