Online Banking Fraud: बढ़ते इंटरनेट के प्रयोग से साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़े हैं. समय-समय पर सरकार, बैंक और सुरक्षा एजेंसियां लोगों को सचेत करती हैं. लेकिन बावजुद इसके एक छोटी सी लापरवाही के कारण हम बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं. पूरी दुनिया में ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड एक बड़ी समस्या बन गई है और ऐसे में बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है.


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एटीएम कार्ड को हैकर्स से बचाएं
यदि आप एटीएम कार्ड को लंबे समय तक उपयोग नहीं करते हैं तो साइबर हैकर्स इसका गलत इस्तेमाल करके आपको लाखों का चुना लगा सकते हैं. बिना जांच परख के किसी भी UPI लिंक पर क्लिक न करें. अपने पर्सनल जानकारी किसी के साथ शेयर न करें जैसे ADHRD कार्ड, पैन कार्ड विवरण. अपने डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड का पिन किसी के साथ साझा न करें. कोई भी लिंक खोलने से पहले, जांचें कि क्या यह http: // से शुरू होता है या नहीं और यदि नहीं होता है तो उसपर बिलकुल भी क्लिक ना करें.


साइबर फ्रॉड होने पर क्या करें
किसी भी तरह के सायबर फ्रॉड होने पर अपनी बैंक की कस्टमर हेल्पलाइन पर तनरंत कॉल करें. इसके बाद बैंक को पूरी घटना के बारे में जानकारी दें. इसके बाद बैंक आपके खाते से होने वाले ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कर देगा क्यों कि कई बार हैकर एक बार पैसे निकालने के बाद भी दोबारा पैसे निकालने की कोशिश करता है. इसके अलावा आपको अपने साथ हुए फ्रॉड की शिकायत पुलिस थाने में भी दर्ज करानी चाहिए. 


वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर क्राइम या ऑनलाइन ठगी की घटनाओं को रोकने और इनकी शिकायत दर्ज कराने के लिए एक नेशनल हेल्पलाइन नंबर (155260) जारी किया है. इसके अलावा आप गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर भी इसकी शिकायत कर सकते हैं.


जल्द करेंगे शिकायत तो होगा फायदा
अगर आप साइबर ठगी के शिकार होते हैं तो उसके शुरुआती दो-तीन घंटे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. ऐसे में आप जितना जल्दी रिपोर्ट करेंगे साइबर टीम उतना ही जल्दी एक्शन लेगी. इससे आपके पैसे वापस आने की संभावना भी बढ़ जाती है.


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