Madhya pradesh news- बेतवा नदी के किनारे बसा ओरछा इतिहास और सांस्कृतिक विरासत का बेजोड़ उदाहरण है. ये शहर अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए पूरे देश में जाना जाता है. हर साल यहां लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. जल्द ही ये रामनगरी यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल होगी. म.प्र. टूरिज्म बोर्ड द्वारा तैयार कराए गए डोजियर को केंद्र सरकार ने यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति को सौंप दिया है, जिसे यूनेस्को ने स्वीकार कर लिया है. 


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राम राजा सरकार की नगरी ओरछा मध्यप्रदेश की चौथी विश्व धरोहर बनने जा रही है. इसे लेकर सीएम मोहन ने खुशी जाहिर की है. 


सीएम ने जताई खुशी 
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल साइट x पर पोस्ट करते हुए कहा कि विश्वभर में गूंजेगी, मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर की गूंज, हमारे लिए बड़े ही हर्ष का विषय है कि हमारे राम राजा सरकार की नगरी 'ओरछा' मध्यप्रदेश की चौथी 'विश्व धरोहर' बनने जा रही है. उन्होंने कहा कि  यूनेस्को की आधिकारिक घोषणा के पश्चात् ओरछा नगरी देश की एकमात्र राज्य संरक्षित विश्व धरोहर बन जाएगी. केंद्र सरकार के संस्कृति, पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग की पूरी टीम और मध्यप्रदेश के टूरिज्म विभाग तथा प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.


वैश्विक स्तर पर मिलेगी पहचान 
ओरछा के विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के बाद यह नगरी अंतर्राष्ट्रीय र्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगी. इससे केवल पर्टयन में ही बढ़ोतरी नहीं होगी, बल्कि प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों की वैश्विक स्तर पर पहचान भी मजबूत होगी. 


ऐतिहासिक शहर है ओरछा
ओरछा अपनी बुंदेली संस्कृति और शैली के लिए प्रसिद्ध है, यहां हर साल लाखों की संख्या में देशी, विदेशी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं. यहां जहांगीर महल, राजा राम मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, ओरछा किला परिसर, और बेतवा नदी के किनारे स्थित शाही छत्रियां शामिल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. यहां की ऐतिहासिक इमारते प्राचीन काल की वास्तुकला और धार्मिक आस्था को दर्शाती हैं.