पंचायत चुनाव: प्रत्याशियों को किया नजरबंद तो कहीं थाने में खड़े करवा दिए बुलडोजर
पंचायत चुनाव के पहले और दूसरे चरण में हुई हिंसा से सबक लेते हुए मध्य प्रदेश पुलिस प्रशासन ने अनोखा तरीका अपनाया. कहीं प्रत्याशियों को थाने में नजरबंद करवा दिया तो कहीं थाने में बुलडोजर रखवा दिए जिससे कि कोई गड़बड़ी करे तो उसके घर को ही तोड़ दिया जाए.
शैलेंद्र सिंह भदौरिया/भिंड: मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग में हिंसा का माहौल रहता है. इसे देखते हुए एमपी के भिंड जिले में प्रत्याशी और उनके परिजनों को ही थाने में नजरबंद कर दिया. वहीं, पुलिस ने मुरैना में हिंसा रोकने के लिए मनोवैज्ञानिक तरीका अपनाया और थाने में बुलडोजर खड़े करवा दिए. जिसने हिंसा की, उसका घर टूटा.
प्रत्याशियों को किया नजरबंद
त्रिस्तरीय पंचायत के चुनाव में हिंसा को रोकने के लिए भिंड पुलिस ने गोरमी में इलाके के एक दर्जन से अधिक प्रत्याशी और उनके परिवार जनों को थाने में नजरबंद करके रखा हुआ है.
प्रशासन ने इस वजह से लिया फैसला
प्रशासन का मानना है कि यदि यह लोग इलाके में रहेंगे तो हिंसा हो सकती है. हालांकि जो लोग नजरबंद हैं वह एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के दबाव में प्रशासन काम कर रहा है. जो दबंग लोग हैं, वह अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं.
वोट डालने का नहीं मिला मौका
वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जिनका यह कहना है कि वह खुद प्रत्याशी नहीं है, उनके परिवार जन चुनाव लड़ रहे हैं. उसके बावजूद भी उन्हें नजरबंद करके रखा है और उनको अभी तक वोट डालने का मौका भी नहीं दिया गया है.
पहले भी पुलिस करती रही है ऐसी कार्रवाई
यह कोई पहला मौका नहीं है जब भिंड में प्रत्याशी और उनके परिवारजनों को नजरबंद किया गया. इससे पहले भी जहां उपद्रव की आशंका होती है, वहां पहले भी प्रत्याशी और परिवारजनों को थाने में बैठाया जाता है.
मुरैना में थाने में रखवा दिए थे बुलडोजर
उधर, मतदान से पहले मुरैना प्रशासन ने बुलडोजर के साथ फ्लैग मार्च निकाला. थानों में भी बुलडोजर खड़े करवा दिए और हिदायत दी कि अगर चुनाव में उपद्रव किया तो अवैध मकान बुलडोजर से ध्वस्त कर दिए जाएंगे. मुरैना में पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान में कई जगह उप्रदव हुए थे. प्रशासन ने दूसरे दिन तीन आरोपियों के मकान बुलडोजर से तोड़ दिए थे.
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