Panchayat Secretaries Strike: भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चुनावी साल में में हड़तालों का सिलसिला जारी है. शिक्षकों, आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, डॉक्टरों, नर्सिंग कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के बाद अब पंचायत विभाग के सचिवों ने मोर्चा खोल दिया है. आज से प्रदेश की पंचायतों के सचिव अपनी मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. इससे पंचायतों का काम प्रभावित होने के साथ ही ग्रामीणों का परेशानी बढ़ सकती है.


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इन मांगों के लेकर हो रहा प्रदर्शन
- पंचायत सचिवों का विभाग में संविलियन किया जाए
- 2018 से एरियर सहित 7वां वेतनमान लागू किया जाए
- उनके 6वें वेतनमान की गणना नियुक्ति दिनांक से की जाए
- अनुकंपा नियुक्ति के आदेश का सरलीकरण कर 100% नियुक्तियां करें
- सहायक सचिवों का जिला संवर्ग में संविलियन किया जाए
- सचिवों को एक निश्चित वेतनमान दिया जाए
- उनका रुका हुआ वेतन जल्द रिलीज किया जाए


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बन जाएगी तालाबंदी की नौबत
प्रदेश के 23 हजार से ज्यादा पंचायत सचिव आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं. उन्होंने 14 दिन का आकस्मिक अवकाश भी लिया है. संगठन का दावा है कि हड़ताल से पंचायतों में तालाबंदी की स्थिती बन जाएगी. पदाधिकारियों का कहना है कि वो अंतिम रास्ते के रूप में आंदोलन का रास्ता अपना रहे हैं. जरूरत पड़ी को भूख हड़ताल भी करेंगे.


पहले भी किया था आंदोलन
मध्यप्रदेश पंचायत सचिव संगठन के बैनरतले जुलाई-अगस्त 2021 में भी आंदोलन हुआ था. उस समय सरकार ने मांगों पर आश्वासन दिया था और आदेश जारी करने की बात कही गई थी. लेकिन, संगठन का कहना है कि उसके बात भी आज तक कुछ नहीं हुआ. उस आंदोलन के बाद भी वो अलग-अलग मंचों से मांग रखते रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इस बार वो मांगों को मनवाए बिना पीछे नहीं हटेंगे.


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काम का करेंगे बहिष्कार
संगठन से जुड़े एक पदाधिकारी ने बताया कि सचिवों को 5 माह से वेतन नहीं मिला है. इसके लिए वो 16 मार्च को भोपाल में जुटे थे. लेकिन, उनके प्रदर्शन की परमीशन रद्द कर दी गई. इस कारण वो मांगें नहीं माने जाने तक लाड़ली बहना योजना के साथ तमाम कामों का बहिष्कार करेंगे.