आकाश द्विवेदी/भोपाल: MPTET पेपर लीक मामले (MPTET paper leak case) में पीईबी (Professional Examination Board) ने बड़ी कार्रवाई की है. परीक्षा में शामिल हुए 5 कैंडिडेट्स पर FIR हुई. धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज हु्आ. 2 परीक्षा केंद्र ब्लैक लिस्टेड. पीईबी की रिपोर्ट पर एमपी नगर थाना पुलिस ने अभ्यर्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. 5 अभ्यर्थियों की भूमिका व दो परीक्षा केंद्रों की भूमिका जांच के दायरे में. बता दें कि  उम्मीदवार 3 साल तक पीईबी द्वारा आयोजित किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे. पीईबी ने दो परीक्षा केंद्रों को ब्लैकलिस्ट भी किया है. पीईबी इन केंद्रों पर परीक्षा आयोजित नहीं करेगा. MPTET वर्ग-3 की परीक्षा मार्च 2022 में हुई थी. पेपर का स्क्रीनशॉट इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. मैपआईटी मामले की जांच कर रही थी. पांच उम्मीदवारों द्वारा अनुचित साधनों का प्रयोग पाया गया था.


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गृह मंत्री का बड़ा बयान 
पीईबी के एक्शन के बाद मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने इसको लेकर एक बड़ा बयान दिया है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि PEB ने पहली बार एफआईआर कराई है. इसकी जांच मैप आईटी से कराई गयी थी.नकल के प्रकरण में पांच लोगों पर केस दर्ज हुआ है.जिस कॉलेज में परीक्षा हुई थी. जिसमें सागर और एक अन्य कॉलेज शामिल है.उन दोनों कॉलेज को भविष्य में कभी भी एग्जाम सेंटर नहीं बनाने का फैसला लिया है.



 


25 मार्च को हुई थी परीक्षा
मध्य प्रदेश में 25 मार्च को हुई शिक्षक पात्रता परीक्षा (Teacher Eligibility Test) के प्रश्नपत्र के लीक होने का मामला सामने आया था. मदन मोहन डौहरे नाम के एक उम्मीदवार ने पेपर लीक का आरोप लगाया था. वो परीक्षा में बैठने के लिए ग्वालियर से भोपाल आया है. उसने दावा किया था कि जब वह भोपाल से पेपर देकर ग्वालियर के लिए जा रहा था. तभी ट्रेन में धौलपुर का एक एजेंट मिला था और उसने मोबाइल फोन पर एमपी टेट का पूरा पेपर दिखाया था. अभ्यर्थी का कहना था कि जब हम लोगों को पेपर मिला ही नहीं तो उस एजेंट के पास पर प्रश्न पत्र कैसे आ गया?