बैंकोंं ने बढ़ाई ब्याज दर, जानें कहां करें निवेश जिससे न हो नुकसान, मिले फायदा
महंगाई की वजह से केंद्रीय बैंक आरबीआई ने एक अक्टूबर से एक बार फिर रेपो रेट बढ़ा दी है जिसकी वजह से बैंकों ने भी ब्याज दर बढ़ा दी है. आपकी बचत पर इसका क्या असर हो रहा है और आगे इसके क्या परिणाम होने वाले हैं, इस बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
Interest rate hike: देश में इस समय महंगाई दर 7 फीसदी की दर से चल रही है जो काफी ज्यादा है. इससे निपटने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दर में बढ़ोतरी की है. इस वजह से एसबीआई एफडी, पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट और किसान विकास पत्र पर भी असर पड़ा है. आइये जानते हैं कि आप कहां निवेश करें जिससे आपको ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिले.
पोस्ट ऑफिस डिपॉजिट की नई ब्याज दरें
पोस्ट ऑफिस की एक वर्षीय एफडी योजना पर तिमाही में 5.5 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती रहेगी. पहले भी पिछले तीन महीनों में ये ब्याज दर दी गई थी. 2 साल की एफडी में ब्याज दर 20 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.7 फीसद कर दी गई है. बदलाव के बाद डाकघरों के पास 3 साल की एफडी मौजूदा 5.5 फीसद से 5.8 फीसद होगी. 5 साल की एफडी पर 6.7 प्रतिशत की ब्याज दर मिलेगी.
किसान विकास पत्र की नई ब्याज दरें
सरकार ने किसान विकास पत्र के कार्यकाल और ब्याज दरों दोनों में बदलाव किया है. केवीपी के लिए नई दर 7 प्रतिशत होगी और मैच्योरिटी पीरियड 123 महीने का होगा. अभी मौजूदा ब्याज दर 6.9 प्रतिशत और मैच्योरिटी पीरियड 124 महीने है.
SBI एफडी की नई ब्याज दरें
भारतीय स्टेट बैंक ने पिछली बार अगस्त में ब्याज दरें बढ़ाई थी. ब्याज आखिरी बार 13 अगस्त को रिवाइज की गई थी. बैंक की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, सात दिनों से 10 सालों में पूरी होने वाली एफडी सामान्य ग्राहकों को 2.90% से 5.65% और वरिष्ठ नागरिकों को 3.4% से 6.45% तक की ब्याज दर प्रदान करती है.
मई से अब तक चार बार बढ़ चुकी है रेपो रेट
बता दें कि आरबीआई महंगाई को काबू में करने के लिए उठाए जा रहे अपने कदमों से मई 2022 से अब तक एक के बाद एक चार बार रेपो रेट बढ़ा चुका है. 30 सितंबर को गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी बैठक के नतीजों का ऐलान करते हुए रेपो रेट में 50 BPS या 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान किया था. इससे पहले मई में इसमें 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए 4.40 फीसदी किया गया था. फिर जून में एक बार फिर रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.50 फीसद और अगस्त में 0.50 फीसद की बढ़ोतरी की थी. कुल मिलाकर मई से अब तक रेपो रेट 1.90 फीसद के इजाफे के साथ बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच चुकी है.
7 फीसद पर चल रही है महंगाई दर
बता दें कि केंद्रीय बैंक आरबीआई ने महंगाई दर के 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय कर रखा है लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी देश में खुदरा महंगाई 7 फीसदी के आसपास बनी हुई है. अप्रैल में यह आंकड़ा 7.79 फीसदी तक पहुंच गया था. जुलाई में मंहगाई दर 7 फीसदी से नीचे पहुंची थी लेकिन अगस्त में ये फिर से बढ़कर 7 फीसदी पर पहुंच गई.