Navratri 2023: MP में यहां 2 बहनों के रूप में विराजित हैं मां दुर्गा, 24 घंटे में 3 बार बदलती हैं स्वरूप
Navratri 2023: कल से देश भर में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरूआत होने जा रही है. नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि पर देवी माता के मंदिरों में भक्तों का तांता लग जाता है. देशभर में देवी माता की कई मंदिर प्रसिद्ध है उसी में से एक है मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के देवास जिले में स्थिति है जिसे देवास वाली माता (Dewas Wali Mata) के नाम से जानते हैं.
ऐसे उत्पन्न हुई माता: बताया जाता है कि जब माता सती का रक्त यहां गिरा तब दो देवियों की उत्पत्ति हुई थी. दोनों देवियां एक दूसरे की बहन हैं. दोनों देवियों को श्रद्धालु छोटी मां और बड़ी मां के नाम से जानते है. बड़ी माँ को तुलजा भवानी और छोटी मां को चामुण्डा देवी का स्वरूप माना गया है.
24 घंटे में बदलती हैं स्वरूप: माता रानी के इस मंदिर को लेकर कहा जता है कि ये 24 घंटे में तीन बार अपना रूप बदलती हैं. इसके अलावा कहा जाता है कि यहां पर माता सती का रक्त गिरा था जिसकी वजह से इसे रक्त शक्ति पीठ या अर्ध शक्ति पीठ का दर्जा भी मिला है.
पान का बीड़ा खिलाने की परंपरा: यहां आने वाले भक्तों में अनूठी परंपरा है. यहां पर जो भक्त माता रानी का दर्शन करने आता है वो अपने साथ पान का बीड़ा भी लेकर आता है. नवरात्रि के दिनों के अलावा भी लोग माता रानी को ये बीड़ा खिलाते हैं.
इन्होंने की थी तपस्या: देवास वाली माता को लेकर कहा जाता है कि यहां पर गोरखनाथ, राजा भर्तृहरि, सद्गुरु शीलनाथ महाराज जैसे कई सिद्ध पुरुषों ने तपस्या की थी. इसके अलावा राजा विक्रमादित्य और पृथ्वीराज चौहान भी माता रानी के दरबार में मत्था टेकते थे.
नवरात्रि पर लगता है तांता: देवास वाली माता का दर्शन करने के लिए भक्तों का भारी हुजूम नवरात्रि में उमड़ता है. कहा जाता है कि अष्टमी और नवमी के दिन यहां पर राज परिवार पूजन करके हवन में आहुति देते हैं. इसके अलावा यहां पर शिखर दर्शन का काफी ज्यादा महत्व है.
नौ देवियों का है वास: देवास वाली माता के नाम से प्रसिद्ध मंदिर में मां चामुंडा और तुलजा भवानी के अलावा कहा जाता है कि नौ देवियों का और वास है. जिसे लेकर कहा जाता है कि माता रानी की कृपा जिसके ऊपर होती है उसका कल्याण हो जाता है.