Netaji ka Chatbox: गुना बस हादसे की असली वजह RTO? लोगों ने CM यादव से की ये शिकायत
MP Guna Bus Accident: मध्यप्रदेश के गुना में हुए भयानक सड़क हादसे में बस में सवार 13 लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई. हादसे के बाद मौके पर खुद सीएम मोहन यादव ने मोर्चा संभाला है और वह दुर्घटना के घायलों से मिलने पहुंचे हैं. लेकिन इस घटना के बाद मृतकों के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा है. वहीं सोशल मीडिया पर भी इस हादसे की चर्चा हो रही है कि आखिर इतनी मौतों का जिम्मेदार कौन है? सीएम मोहन यादव ने कहा है कि हादसे के लिए जो भी जवाबदार होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं सोशल मीडिया पर लोगों के रिएक्शन भी देखने को मिले है.
सीएम ने गुना हादसे पर X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि गुना से आरोन जा रही बस में भीषण आग से यात्रियों के हताहत होने का समाचार अत्यंत दुःखद है. इस हृदय विदारक दुर्घटना में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए दिवंगतों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। दुःख की इस विकट परिस्थिति में प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है. सीएम के इस पोस्ट पर लोगों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं.
एक यूजर ने लिखा कि बस खटारा हो जाती है. बस का रजिस्ट्रेशन, बीमा,फिटनेस सब खत्म होने के बाद भी सड़कों पर दौड़ती रहती है. RTO विभाग क्या करता रहता है? क्या विभाग के पास जानकारी का अभाव है या ये अपने कार्य के प्रति उदासीन है?
दूसरे यूजर ने लिखा कि जांच के कागजी आदेश से कुछ नहीं होगा मुख्यमंत्री जी. अगर सच में आपकी मंशा है दुर्घटना रोकने की तो परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाइए. पूछिए परिवहन विभाग के आला अधिकारियों से बसों में लगने वाले पैनिक बटन के बारे में...
एक यूजर ने तो ये तक कह दिया कि आरोन से गुना चलने वाली बसे 80% रद्दी खटारा बस चल रही है. कमला बस को छोड़ कर सभी बस बंद होना चाहिए. इन बसों की जांच सीबीआई से कराई जाने की मांग की जाने की अपील है.
एक यूजर ने कहा कि पूरे एमपी में बस के यही हाल है. आधी से ज्यादा बसों के बीमा नहीं है. सब दादागिरी से चल रहीं है. RTO वाले भी पैसे लेके चलने देते है. इसी बसों को सीटों से ज्यादा सवारी भरते हैं. कुछ कहो तो दादागिरी करते है.
वहीं एक यूजर ने अपनी राय देते हुए कहा कि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय होना चाहिए. RTO जो फ़िटनेस,लाइसेंस आदि बनाते हैं. उनकी कार्यप्रणाली से आप अनभिज्ञ नहीं होंगे. डम्पर,लोकल बस,ट्रैक्टर चालकों के पास लाइसेंस तक नहीं होते लेकिन देखने सुनने वाला कोई नहीं. RTO/पुलिस वालों को अवैध वसूली से ही फ़ुरसत नहीं.
एक यूजर ने आरटीओ पर लिखते हुए कहा कि आरटीओ सबसे भ्रष्ट है और इसलिए सभी विभागों में सबसे ज्यादा पैसा वसूलने वाला है, खासकर मप्र में... गाड़ियां बिना नंबर प्लेट वाहन बिना नंबर प्लेट/फिटनेस परीक्षण के चल रहे हैं, ड्राइवरों का परीक्षण नहीं किया जाता है, इसे सरकार से बाहर करने और आउटसोर्स करने का समय आ गया है.