अभिषेक गौर/नर्मदापुरम: जाने-अनजाने में किए अपराध कर जेल की सलाखों के पीछे जीवन जी रहे बंदियों के मन में भी शिक्षा के प्रति आदर भाव रहता है. कैदियों को शिक्षित करने के लिए प्रदेश में यह पहला प्रयास नर्मदापुरम की सेंट्रल जेल में किया गया है.यहां सेंट्रल जेल के स्कूल को अपग्रेड कर स्मार्ट क्लासेस लगाई जा रही है.इसमें निरीक्षक अनपढ़ बंदियों को शिक्षित किया जा रहा है. यहां नर्सरी से लेकर 10वीं,12वीं, बीए एवं एमए तक बंदियों को उच्च शिक्षा देकर उन्हें शिक्षित करने का काम किया जा रहा है. इस नई व्यवस्था से बंदियों में सकारात्मक प्रभाव आ रहा है. 


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स्मार्ट बोर्ड से बंदियों को दी जा रही है शिक्षा 
बता दें कि सेंट्रल जेल के अधीक्षक संतोष सोलंकी ने बताया कि यह मध्य प्रदेश की पहली जेल है, यहां सेंट्रल जेल के स्कूल में बंदियों को स्मार्ट बोर्ड से शिक्षा दी जा रही है. वर्तमान में जेल में बंद 170 निरीक्षक अनपढ़ बंदीयों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान भोपाल एवं भोज मुक्त विवि सहित इग्नू के जरिए 10वीं,12वीं से लेकर बीए एमए तक की शिक्षा देकर उन्हें उच्चशिक्षित किया जा रहा है. इतना ही नहीं महिला बंदियों के साथ रह रहे बच्चों को भी नर्सरी की शिक्षा स्मार्ट बोर्ड से दी जा रही है.


बंदियों को जागरूक करने का किया जा रहा है प्रयास
स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से पढ़ने में बंदियों को किसी भी वस्तु को चित्र एवं वीडियो के माध्यम से समझने में आसानी हो रही है और वह पहले की अपेक्षा पढ़ाई में रुचि भी दिखा रहे हैं. स्मार्ट क्लास का उपयोग बंदियों की शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही विधिक साक्षरता के लिए किया गया. इसमें धार्मिक स्थलों के लाइव दर्शन,मन की बात कार्यक्रम,योगा मेडिसन से जुड़ी गतिविधियों एवं विभिन्न प्रकार के धार्मिक कार्यक्रम दिखाकर बंदियों के शैक्षणिक मानसिक स्तर को उन्नत और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है. जेल महानिदेशक अरविंद कुमार ने भी इस प्रयास के लिए बधाई दी है. बंदियों ने भी इस अनुभव पहल की सराहना की है.