Railways News: अगर ट्रेन में यात्रा के दौरान आपका कीमती सामान चोरी होता है तो इसके जिम्मेदार आप खुद होंगे, इंडियन रेलवे नहीं. जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे के पक्ष में एक फैसला सुनाया है. जिसके तहत अगर आपका कोई सामान या पैसे सफर दौरान चोरी होते हैं तो आप इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते.


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दरअसल गुरुवार (16 जून) को फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर ट्रेन का सफर करते समय यात्री के पैसे चोरी हो जाते है तो इसे रेलवे की सेवा में कमी के तौर पर नहीं माना जा सकता है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें रेलवे को 1 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा गया था.


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रेलवे को जिम्मेदार नहीं मान सकते...
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच के मुताबिक अगर ट्रेन में कोई सामान चोरी हो रहा है तो ये किसी भी तरह से रेलवे की सेवाओं में कमी नहीं मानी जा सकती. यदि यात्री अपने ही सामान की सुरक्षा नहीं कर पा रहा तो इसके लिए रेलवे कैसे जिम्मेदार है? इसे रेलवे की तरफ से सेवाओं में कमी कैसे कही जा सकती है?


जानिए आखिर मामला क्या था?
दरअसल व्यापारी सुरेंद्र भोला 27 अप्रैल 2005 को काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस से नई दिल्ली जा रहे थे. उस दौरान उनके पास 1 लाख रुपये थे. अगले ही दिन जब वो उठे तो 28 अप्रैल को उन्होंने पाया कि उनके पास रखे 1 लाख रुपये चोरी हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने जीआरपी में एफआईआर दर्ज करवाई. इसके बाद उपभोक्ता फोरम में उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में सुरेंद्र ने मांग की कि रेलवे को निर्देश दिया जाए कि वो उन्हें हर्जाना प्रदान करे. जिला उपभोक्ता फोरम में बहस के दौरान सुरेंद्र ने रेलवे की सेवा में कमी की बात कहते हुए हर्जाना दिए जाने की बात कही. अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया.