राज किशोर सोनी/रायसेन: दमोह के कथित धर्मांतरण मामले के बाद रायसेन के मामले ने भी तूल पकड़ लिया है. दोनों ही मामले को लेकर हड़कंप मचा है.जिसके बाद रायसेन के शिशु गृह के मामले को लेकर परिवार का पक्ष जानने के लिए जी मीडिया की टीम परिवार के पास पहुंची. गौहरगंज में शिशु गृह में तीन बच्चों के धर्मांतरण मामले में बच्चों के पिता ने जी मीडिया से खास बातचीत में बताया कि उनके तीनों बच्चे हिंदू धर्म के हैं तथा उन्हें हिंदू नाम ही चाहिए. उनका कहना है कि उनको बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है.आधार कार्ड में नाम किसने लिखवाए,यह उन्हें नहीं पता है.


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बच्चों के नाम परिवर्तित नहीं किए गए: संचालक 
वहीं तीन बच्चों के धर्मांतरण के मामले में संचालक नोमान परवेज का कहना है कि तीन बच्चों को शाहरुख, सुहाना और रुखसाना के नाम से ही भोपाल की मातृ छाया संस्था के प्रबंधक राम अवतार यादव और प्रीति साहू लेकर आईं थीं. वहीं संस्था प्रबंधक का कहना है कि उनके द्वारा बच्चों के नाम परिवर्तित नहीं किए गए हैं.


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साथ ही मामले में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अतुल दुबे का कहना है कि उनके पिता यदि बच्चों को ले जाना चाहते हैं तो आवेदन करें. बच्चों को उन्हें सौंपने की प्रक्रिया की जाएगी. उन्होंने कहा कि हिंदू नाम से मुस्लिम नाम कैसे हुए हैं. इसकी जांच की जा रही है.


क्या है मामला?
दरअसल जिले में एक शिशु गृह में रह रहे तीन बच्चों के कथित धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया. जिसमें कहा गया कि शिशु गृह के संचालक ने बच्चों का धर्म बदलकर उनका आधार कार्ड बनवा लिया. आपको बता दें कि ये बच्चे 2020 में कोरोना के समय में अपने परिवार से बिछड़ गए थे. मामले में आरोप है कि बाल गृह के संचालक ने बच्चों के आधार कार्ड में माता-पिता के नाम की जगह अपना नाम लिखवा लिया.जिसके बाद संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.