Rambhadracharya Statement: प्रशांत शुक्ला। चुनावी साल में मध्य प्रदेश की सियासत अलग-अलग राहों पर खड़ी दिख रही है, जिसमें धर्म भी सबसे अहम रोल अदा कर रहा है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण भागवत कथाएं हैं। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में संत महात्माओं की कथाओं का दौर चल रहा है। जिसमें सियासत का रंग भी दिख रहा है। सिवनी में चल रही तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य की कथा में उनका एक बयान प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया है। 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सनातन और अधर्म के बीच होगा चुनाव 


दरअसल, सिवनी के पॉलिटेक्निक ग्राउंड में हो रही कथा में रामभद्राचार्य ने कहा 'मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह और कमलनाथ के बीच नहीं हो रहा है बल्कि यह चुनाव सनातन और अधर्म के बीच हो रहा है। इसलिए इस चुनाव में धर्मावलंबी को जिताया जाए।' उनका यह बयान राजनीतिक गर्माहट बढ़ा रहा है। क्योंकि रामभद्राचार्य के बयान पर कांग्रेस नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिया है। 


ये भी पढ़ेंः MP Election 2023: कांग्रेस की पहली लिस्ट में इतने उम्मीदवार फाइनल!, BJP की दूसरी सूची पर बड़ा अपडेट


पहले भी आते रहे हैं ऐसे बयान 


बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब रामभद्राचार्य महाराज ने ऐसा बयान दिया हो वह पहले भी इस तरह के कई बयान दे चुके हैं। कुछ समय पहले उन्हें शिवराज सरकार में मंत्री रामखिलावन पटेल को फिर से चुनाव जीतने और मंत्री बनने का आशीर्वाद दिया था। उस दौरान भी उन्होंने चुनाव में बीजेपी की जीत की बात कही थी। 


कांग्रेस का पलटवार 


कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा 'धर्म वो होता है जो महंगाई कम करें और लोगों को रोजगार दे, इसलिए धर्म प्रदेश में कांग्रेस और आम आदमी के साथ है।' दरअसल, कांग्रेस भी इस बार प्रदेश में धर्म की राह पर चल रही है। खुद कमलनाथ छिंदवाड़ा में पंडित धीरेंद्र शास्त्री और प्रदीप मिश्रा की कथा करवा चुके हैं। ऐसे में चुनावी साल में सनातन पर सियासत जमकर रंग बदल रही है।