Madhya Pradesh news: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से बुधवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक परिवार उस वक्त हैरान रह गया जब उनका लापता बेटा 28 साल बाद घर लौट आया. हैरानी की वजह बेटे का घर वापस आना नहीं, बल्कि कुछ और थी. इस घटना के बाद गांव का हर कोई शख्स परिवार और वापस लौटे बेटे से मिलने पहुंचने लगा. ये कहानी असली और नकली बेटे की पूरी बॉलीवुड की फिल्म जैसी है. 


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दरअसल, आदिवासी विकास खंड खालवा के गांव कालाआम खुर्द में घर छोड़ दूर चला गया बेटा रविवार को 28 साल बाद लौट आया, जिसका नाम दिनेश हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि घर में 12 साल से एक बाबा दिनेश बनकर रह रहा था. यह नकली बेटा 12 साल पहले 2011 में आया था. उस वक्त एक बाबा ने आकर अपने आप को घर से 16 साल की उम्र में गया बताकर घर का सदस्य बन गया. वह 12 साल से परिवार के साथ रह रहा था. जब 28 साल बाद असली दिनेश घर आया तो नकली बेटा बनकर रह रहे बाबा की पोल खुल गई. 


12 साल से रह रहा था नकली बेटा
नकली बेटा बनकर परिवार के साथ रह रहे बाबा ने गांव के बाहर ही एक मंदिर को अपना ठिकाना बना लिया था. कभी वह मंदिर में रहता तो कभी तीर्थ स्थान पर चला जाता था. इन 12 सालों में उसने परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया. इसलिए दिनेश के परिवार वाले भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं करना चाहते. फिलहाल डुप्लीकेट बेटा बना बाबा तीर्थ के लिए बाहर गया है. 


मुंबई में मजदूरी कर रहा था बेटा
दिनेश के पिता जागेश्वर ने बताया कि जिस बाबा को वे अपना पुत्र समझ रहे थे वह दिनेश नहीं था. आज जो आया है वही असली दिनेश है. परिजनों का कहना है कि बाबा ने हमारे साथ कोई धोखाधड़ी नहीं की. उन्होंने भी बाबा को अपने बेटे की तरह रखा था. बाबा दिवाली से पहले ही घर से चले गए थे. दिनेश के घर पहुंचने की खबर मिलते ही गांव वाले उससे मिलने के लिए आने लगे. पूरे गांव में खुशी का माहौल है. दिनेश ने बताया कि वह मुंबई में मजदूरी करता था. कई बार घर आने की कोशिश कि लेकिन ऐसा संयोग ही नहीं बना और गांव के बाहर से वापस लौटना पड़ा. आज वह परिजनों से मिलकर खुश है.


ज्यादातर बाहर ही रहता था नकली बेटा
12 साल से परिवार के साथ रह रहा बाबा चार दिन घर तो एक महीने बाहर रहता था. बाबा ने परिवार से मिलने के बाद ग्राम के ही बंडा बेड़ी हनुमान मंदिर पर महाविष्णु यज्ञ भी करवाया था. दिनेश के पिता ने जब बाबा को फोन लगाकर सच्चाई बताई तो उन्होंने बताया कि परिवार वाले मुझे अपना पुत्र समझ रहे थे. तो मैंने भी उनका मन रखने के लिए उनका पुत्र बता दिया. बाबा ने फोन पर बताया कि अब जो आया है, वही उनका बेटा है.


रिपोर्ट: प्रमोद सिन्हा, खंडवा