उज्जैन रेलवे स्टेशन से सीधे महाकाल होगी लैंडिंग, नए प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी
Ropeway Project in Ujjain: उज्जैन में रेल्वे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक भक्त सिर्फ 7 मिनट के अंदर पहुंच सकेंगे. महाकाल नगरी में रोप-वे प्राजेक्ट का काम शुरू हो गया है. जल्द ही भक्तों को आवागमन सुविधाएं मिलेगी.
Ujjain Ropeway News: मध्यप्रदेश की महाकाल नगरी उज्जैन में भक्तों के आने-जाने की सुविधा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. दरअसल रेलवे स्टेशन से महाकालेश्वर मंदिर तक भक्तों की सुविधा के लिए रोप-वे का काम शुरू हो गया है. इससे यात्रियों के आना-जाने के समय में बचत में होगी. इसका शुभारंभ महाकाल मंदिर के पास स्थित गणेश कॉलोनी से हुआ है. जहां डी-बोर्डिंग स्टेशन बनाया जाएगा. फिलहाल टेक्निकल एक्सपर्ट्स की टीम मिट्टी की जांच कर रही है. इसके आधार पर डी-बोर्डिंग स्टेशन की ड्राइंग फाइनल की जाएगी और निर्माण कार्य आगे बढ़ेगा.
रेलवे स्टेशन से 7 मिनट में पहुंच जाएंगे भक्त
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस रोप-वे परियोजना के लिए 189 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इसे दो साल में पूरा करने का टारगेट रखा गया है. इस रोप-वे से भक्त रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 1.75 किलोमीटर की दूरी केवल 7 मिनट में तय कर सकेंगे. सफर के दौरान वे ऊंचाई से उज्जैन शहर और श्री महाकाल महालोक का सुंदर दृश्य भी देख पाएंगे.
रोप-वे की आवश्यकता क्यों पड़ी?
महाकाल लोक बनने के बाद से महाकाल मंदिर आने वाले भक्तों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. पहले सामान्य दिनों में यहां 50 हजार से 1 लाख तक भक्त आते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर दोगुनी हो गई है. त्योहारों और खास अवसरों पर पहले जहां 2 से 4 लाख भक्त आते थे. अब यही संख्या बढ़कर 4 से 8 लाख तक पहुंच गई है. इस बढ़ी हुई संख्या की वजह से रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से महाकाल मंदिर और महालोक तक के मार्ग पर भारी भीड़ और जाम लगने लगा, इसलिए भक्तों के आवागमन को सुगम बनाने के लिए रोप-वे का निर्माण किया जा रहा है.
रोप-वे की संरचना
रोप-वे का पहला स्टेशन रेलवे की जमीन पर बनेगा. वहीं दूसरा टेक्निकल स्टेशन त्रिवेणी म्यूजियम क्षेत्र में पार्किंग के पास होगा.वहीं तीसरा डी-बोर्डिंग स्टेशन गणेश कॉलोनी में होगा. इस प्रकार रोप-वे का रास्ता एल आकार का होगा. जानकारी के अनुसार रोप-वे में कुल 48 केबिन होंगे और हर केबिन में लगभग 10 लोग बैठ सकेंगे. यात्रा का समय करीब 7 मिनट होगा. रोप-वे की क्षमता लगभग 2000 यात्री प्रति दिशा प्रति घंटा होगी. जिससे बड़ी संख्या में भक्तों को आसानी से महाकाल मंदिर तक पहुंचने की सुविधा मिलेगी.
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मिट्टी परीक्षण
रोप-वे का काम शुरू हो चुका है और फिलहाल मिट्टी की जांच की जा रही है. जांच की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि स्टेशनों और टावरों की संरचना में कितनी मजबूती की जरूरत पड़ेगी. उसी के आधार पर डिजाइन को अंतिम रूप दिया जाएगा.
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