संजय लोहानी/सतना: जिले के बहुचर्चित रामनगर गोली कांड मामले का फैसला 20 साल बाद आज आया है. मामले में भाजपा नेता अरुण द्विवेदी समेत 65 लोग नामजद आरोपी बनाये गए थे. इसके अलावा करीब 2500 अज्ञात लोग बनाये गए थे आरोपी, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार तिर्की ने रामनगर गोली काण्ड में सभी आरोपियों को पुलिस द्वारा लगाई गई धाराओं के तहत सभी को दोषी माना गया. सभी 49 लोगों को 7 साल की सजा और 4 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है.


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जानिए क्या था पूरा मामला


दरअसल 20 साल पहले 30 अगस्त 2002 को रामनगर में रामनगर निवासी महेश कोल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. लेकिन डॉक्टरों द्वारा शव का पीएम 2 सितंबर तक नहीं किया गया. इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए, ग्रामीण डॉक्टरों द्वारा शव का पीएम 3 दिन बाद भी न करने से नाराज थे और यह नाराजगी इस दौरान इस कदर बढ़ गई कि पथराव व गोलीबारी की घटना घटित हो गई, जिससे तीन ग्रामीणों रामशिरोमणि शर्मा, सतेंद्र गुप्ता व मणि चौधरी की मौत हो गई, साथ ही तकरीबन एक दर्जन लोग घायल हो गए थे. जवाब में ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर पत्थर बरसाये गए, जिसमें तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राजाबाबू सिंह व तत्कालीन कलेक्टर एसएन मिश्र को भी चोट आई थीं. 


सभी आरोपित पाए गए थे दोष मुक्त
रामनगर में हुआ यह गोलीकांड बहुद दर्दनाक घटना है. शव का पीएम न किये जाने से इतना बड़ा बवाल खड़ा हो गया कि तीन ग्रामीणों की जान चली गई. साथ ही पुलिस ने आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया. इसमें एक ही घटना में छह अलग-अलग प्रकरण दर्ज किए गए. इसमें भाजपा नेता अरुण द्विवेदी समेत 65 लोगों को आरोपित बनाया गया था. इनके विरुद्ध 32 धाराएं लगाई गईं. 20 सालों में 5 प्रकरणों का फैसला आ चुका था. इसमें सभी आरोपित दोष मुक्त पाये गए थे. सिर्फ 6वां और आखिरी मामला बचा था.


65 आरोपी किए गए थे चिन्हित
आखिरी मुकदमा उपद्रव मचाने, बलवा करने तथा एसपी समेत पुलिस पार्टी पर हमला करने का है. इसमें थाना रामनगर में आरोपियों के खिलाफ धारा 307, 323, 294, 353, 333, 147, 148, 149 के तहत मामला कायम था. समूचे प्रदेश को झकझोर देने वाले रामनगर गोलीकांड में कुल 65 आरोपी चिन्हित किए गए थे. भाजपा नेता अरूण द्विवेदी, शिवा मिश्रा, हसीनुद्दीन सिद्दिकी कुन्नू, सतेंद्र शर्मा समेत कुल 65 आरोपी पुलिस ने बनाए थे. इन आरोपियों में से रामनाथ गुप्ता समेत कई लोगों की प्रकरण की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है, जबकि 47 आरोपियों को अभी फैसले का इंतजार है.


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