मनोज जैन/शाजापुर: शाजापुर में इस वर्ष क्रिसमस-डे पर बाजार में ज्यादा खरीदी नहीं हो पा रही है. इसकी पीछे की वजह जिले में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर क्रिसमस डे पर बच्चों के अभिभावकों की बिना सहमति के सांता क्लॉज बनाने पर रोक लगा दी है. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद ब्रिकी 20 प्रतिशत ही हुई है. व्यापारियों की मानें तो इस वर्ष 20 प्रतिशत भी क्रिसमस की खरीददारी नहीं हुई.


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बता दें कि  25 दिसंबर को मनाएं जाने वाले क्रिसमस को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. लेकिन शाजापुर में खरीदारी का सिलसिला बहुत कम चल रहा है. शहर के बाजार में क्रिसमस ट्री से लेकर सेंटा क्लाज की पोशाक व सजावट की सामग्री दुकानों पर बेची जा रही है. हालांकि आदेश के बाद बाजार में बिल्कुल भी ब्रिकी नहीं हो रही है.


शिक्षा विभाग के आदेश का व्यापार पर पड़ा असर
व्यापारी नरेश मोटवानी ने बताया इस समय बाजार में क्रिसमस ट्री, सेंटा क्लॉज की ड्रेस, टोपी, गुब्बारे सहित अन्य बेचने के लिए दुकान में रखे हैं. हर वर्ष ये सामग्री बड़ी मात्रा में बेची जाती है, इसलिए माल का स्टॉक कर लिया. लेकिन शिक्षा विभाग के आदेश के बाद सामान ही नहीं बिक रहा. क्रिसमस मनाने वाले लोगों ने जरूर खरीदी की है. क्रिसमस ट्री जहां 50 से 200 रुपये तक बिक रहा है, वहीं सेंटा क्लॉज की ड्रेस 300 से एक हजार तक बिक रही है. कैप 20 रुपये तथा स्टीकर 60 रुपये में उपलब्ध हैं.


शिक्षा विभाग ने क्या आदेश जारी किया?
दरअसल शाजापुर जिले में जिला शिक्षा अधिकारी विवेक दुबे ने क्रिसमस को लेकर अजब आदेश जारी किया है. इस आदेश के मुताबिक  जिले के सभी स्कूल जिसमें क्रिसमस के मौके पर छात्रों को सांता क्लॉज बनाने से पहले निजी विद्यालयों को बच्चों के अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी होगी. जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जिले के सभी अशासकीय स्कूलों को यह आदेश भेजा गया है. यदि कोई स्कूल संचालक बिना माता-पिता की अनुमति के किसी भी बच्चे को सांता क्लॉज की वेशभूषा में कार्यक्रम में भाग दिलाता है, तो संबंधित स्कूल के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.