Viral Photo: अजय राठौर/श्योपुर। मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाके श्योपुर (Sheopur News) से दिल को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. जो तमाम सरकारी योजनाओं और बड़े दावों की हकीकत सामने रखने के लिए काफी है. इस तस्वीर में देखा जा सकता है कि 40 डिग्री के तापमान वाली भीषण गर्मी में एक मां (Helpless Mother) अपने बच्चों के साथ आग उगलती धारती पर नंगे पैर खड़ी है और बच्चे के पैर में पॉलीथीन (Polythene ) यानी की पन्नी लपेटी गई है.


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दिल को झकझोर देती है तस्वीर
रविवार को दिल झकझोर देने वाली सेहारिया परिवार (Sahariya Adivasi) की गरीबी की तस्वीर वायरल हुई है. इस तस्वीर में चीलचिलाती धूप और गर्म हवाओ के बीच लू के थपेड़े में एक बेबस मां सड़क पर दो मासूम बच्चियों के साथ खड़ी है. चप्पल ना होने के चलते दोनो मासूमों बच्चियों के पैर में पन्नी बाधकर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.


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सेहरिय परिवार की इस बेबस मां का नाम रुकमणी है. ये अपने बीमार पति का इलाज मजदूरी करके करवा रहीं है. इस मां के पास इतने पैसे भी नहीं थे जो अपने कालेजों के पैरों को चप्पल खरीद कर पहना सके. इसने बताया कि इसके पास गरीबा रेखा का कार्ड तक नहीं है.


कलेक्टर के आदेश पर खोजा गया परिवार
सेहरिया समाज के लोगों तक सरकारी योजना का लाभ देने के अफसारो के दावों की पोल इस तस्वीर ने खोल दी. इधर मां और मासूमों की तस्वीर सामने आने के बाद अफसरों की नीद भी उड़ गई है. कलेक्टर शिवम वर्मा के आदेश के बाद जिम्मेदारों ने फोटो में दिखे परिवार को खोज निकाला. उनके घर पहुंचकर उनका हाल जाना और उनकी समस्याओं को हल करने की बात कही.


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जांच हो तो पोल खुले
मध्य प्रदेश में सरकार भले ही प्रदेश के सेहरिया आदिवासी परिवारों के लिए योजनाओं के नाम पर हजारों करोड़ों का बजट अपने खजने से खर्च करती है. लेकिन, क्या कभी सरकार की योजना का लाभ उन असली सेहरिया परिवारों के हकदारों को मिल भी रहा है या नहीं. अगर इस बात की तफ्तीश होती हो तो AC में बैठे अधिकारियों की पोल घुले.


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