केंद्र ने खोली शिवराज सरकार की पोल, मिसिंग बच्चों के मामले में राज्य बंगाल से आगे; देखें आंकड़े
Missing Children Report: मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड ने संसद में एक रुपोर्ट पेश की है. इसमें मिसिंग बच्चों और लड़कियों का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में ये आंकड़े काफी ज्यादा है. इसके बाद से प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर है.
Report On Missing Children: प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश में मिसिंग बच्चों की दस्तायबी के लिए ऑपरेशन मुस्कान हो या फिर अलग-अलग सरकार के दावों की पोल लोकसभा में फाइल की गई महिला एवं बाल विकास विभाग की रिपोर्ट ने इसकी पोल खोल दी है. इसे लेकर सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है. कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार सीएम शिवराज और उनकी सरकार पर हमलावर हैं.
पिछले पांच में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बच्चे हुए गुम
मध्य प्रदेश देश के सभी राज्यों में अव्वल है. पिछले पांच साल में बच्चो के मिसिंग आंकड़े सबसे ज्यादा हैं. हैरत की बात तो यह है कि एमपी के नेता जिस बंगाल को कोसते हैं उस बंगाल को मध्यप्रदेश ने पछाड़ दिया है. राज्य में पिछले 5 साल में 61102 बच्चे मिसिंग हुए हैं.
- 1 जनवरी 2018 से 30 जून 2023 तक मध्य प्रदेश में 61102 बच्चे मिसिंग हुए. इनमें से 12075 लड़के जबकि 49024 लड़कियां गुम हुई है. हैरत की बात तो यह है कि अभी भी मध्यप्रदेश में 4140 बच्चे लापता है
- केंद्र की रिपोर्ट में लापता बच्चों में सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश
- हैरत की बात तो यह है कि लक्ष्यदीप और मिजोरम से कोई लापता नहीं हुआ है.
कमलनाथ ने साधा निशाना
बच्चों के गुमशुदगी के मामले को लेकर शिवराज सरकार पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने निशाना साधा है. कमलनाथ ने कहा कि यह शिवराज सरकार की 18 साल की उपलब्धि है. सबसे ज्यादा बच्चियां एमपी में मिसिंग हैं. सबसे ज्यादा महिला अत्याचार मध्य प्रदेश में है. सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति पर मध्यप्रदेश में अत्याचार हो रहा है. हर चीजों में मध्य प्रदेश नंबर वन है यह शिवराज सरकार की 18 सालों की उपलब्धि है.
बच्चे-बच्चियां सुरक्षित नहीं
कांग्रेस नेता शोभा ओझा ने सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा शिवराज सरकार को घेरा ओर मासूमों को सुरक्षित न कर पाने का आरोप लगाया. शोभा ओझा ने कहा कि बच्चों के गुमशुदगी में मध्यप्रदेश अव्वल है. देश और दुनिया में एमपी शर्मसार हो गया है. सरकार बाल अपराध रोक नहीं पा रही है. मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड की तरफ से संसद में पेश की गई रिपोर्ट का जिक्र करते हुए शोभा ओझा ने कहा मध्यप्रदेश सरकार की इस रिपोर्ट ने सरकार की पोल खोल दी है.
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