ग्‍वाल‍ियर: करीब 15 साल पहले सीनियर आर्कियोलॉज‍िस्‍ट केके मोहम्मद की चिट्ठी से RSS से लेकर शिवराज सरकार हिल गई थी. शिवराज सरकार ने आनन-फानन में मुरैना के मितावली पडावली और बटेश्वर में मौजूद शिव मंदिरों को बचाने के लिए दो कंपनियों की तैनाती कर दी थी जिससे शिव मंदिरों को माफियाओं की ब्लास्टिंग से बचाया जा सकें. आज फिर से मितावली, पडावली मे वहीं पुरानी स्थिति निर्मित हो गई है जिसको लेकर केके मोहम्मद फिर से मुखर हैंं.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अवैध उत्खनन से मंदिरों को पैदा हो रहा था खतरा 
केके मोहम्मद ने कहा क‍ि उन्‍होंने पहले चिट्टी लिखी थी, अब फिर से सरकार से बात करेगें क्योंकि अवैध उत्खनन से मंदिरों को खतरा पैदा हो गया है. बुधवार को केके मोहम्मद टूरिस्ट के दल के साथ मुरैना के मितावली, पडावली पहुंचे थे जहां उन्हें वहीं स्थिति नजर आयी है. 


अवैध खनन को लेकर ग्वालियर के सांसद भी च‍िंता में  
हालांकि अब वह रिटायर हो चुके हैं लेकिन देश और दुनिया में आर्कियोलॉजी मामले में बड़ी पकड़ रखते हैं. मुरैना के मितावली, पडावली में हो रहे अवैध खनन को लेकर ग्वालियर के सांसद विवेक शेजवलकर भी संजीदा है. वह भी कह रहे हैं क‍ि यह मामला उनकी नॉलेज में भी है. इसको लेकर वे सरकार को चिट्ठी लिख रहे हैं. पत्थर माफियाओं पर अंकुश लगाया जाए नहीं तो पूरा संपदा खतरे में आ जाएगी. 


व‍िधायक ने बताया माफ‍ियाओं की सरकार 
वहींं, कांग्रेस के विधायक सतीश सिकरवार का कहना है कि यह माफियाओं की सरकार है. यह पत्थर माफियाओं पर अंकुश नहीं लगा सकती है. मुरैना के मितावली, पडावली में जो लोग सफेद पत्थर का अवैध कारोबार करते हैं. वह कोई और नहीं बल्कि सरकार से जुड़े हुए लोग हैं. 


बटेश्वर मंदिर अपनी ऐतिहासिकता के लिए है प्रसिद्ध


मध्य प्रदेश में मुरैना से तकरीबन 40 किलोमीटर दूर जंगलों में स्थित बटेश्वर मंदिर अपनी ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर भगवान शिव, विष्णु और सती को समर्पित है. चंबल के इन जंगलों में एक साथ 200 विशालकाय मंदिर स्थापित हैं हालांकि इनमें अधिकतर मंदिरों ने अब खंडहर का रूप ले लिया है. कुछ इतिहासकारों के मुताबिक इनका निर्माण 8 से 10वीं सदी के बीच हुआ था. इसके पास ही पत्‍थरों की खदान हैं.  


Bhind: घर में ब‍िजली गई तो दो बहनों ने बदली सोने की जगह, अगले द‍िन म‍िली दोनों की लाश