MP News: भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Vidhansabha Chunav) के बीच ही रेवड़ी कल्चक का असर दिखने लगा है. शिवराज सरकार प्रदेश के विकास कार्यों को पूरा करने और घोषणाओं में किए गए ऐलान का पैसा बांटने के लिए कर्ज पर कर्ज लिए जा रहा है. आज सरकार के खजाने में कर्ज के 1000 करोड़ रुपये (Shivraj Sarkar Took 1000 Crore Loan) आने वाले हैं. इसकी मंजूर चुनाव के ऐलान से पहले ही कैबिनेट ने दे दी थी. हालांकि, ये क्रेडिट अब होने वाले हैं.


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करीब 4 लाख करोड़ का कर्ज
चुनाव के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने 1000 करोड़ रुपये का नया कर्ज लिया है. इसे 11 साल के टेन्योर पर सरकार ने RBI से लिया है. जो 25 अक्टूबर 2034 तक चुकाना होगा. ये पैसा आज सरकार के अकाउंट में आने वाला है. इसी के साथ मध्य प्रदेश के खजाने पर करीब 4 लाख करोड़ का कर्ज हो जाएगा.


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उठ रहे कई सवाल
मध्य प्रदेश में लिए गए कर्ज से अब सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. क्या प्रदेश के आय के स्रोत से सरकार नहीं चल पा रही है. आखिरी चुनाव के बीच सरकार को कर्ज क्यों लेना पड़ रहा है. क्या मध्यप्रदेश के वित्तीय स्थिति बिगड़ रही है. क्या शिवराज सरकार नए विकास कार्यों पर रोक के बाद भी प्रदेश की मूल जरूरतें पूरी नहीं कर पा रही है. क्या सैलरी और अन्य खर्चों के लिए सरकार के पास पर्याप्त बजट नहीं है.


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सरकार ने लिए कई कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार ने 1,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. साल 2023 की शुरुआत में राज्य सरकार ने 31,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इसके पहले 2022 में जनवरी से दिसंबर तक 18 हजार करोड़ का कर्ज लिया गया है. शिवराज सरकार ने माना जा रहा है चुनावों के मद्देनजर पिछले तीन महीनों में कई नई योजनाओं की घोषणा के लिए इस कर्ज का उपयोग किया जा रहा है. ऐसे में अब कुल मिलाकर सरकारी खजाने पर करीब 4 लाख करोड़ को कर्ज हो गया है.


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