आकाश द्विवेदी/भोपाल: दीपावली पर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh) मानवीयता और संवेदनशीलता की मिसाल पेश करने जा रहे हैं. इस साल की दिवाली (Diwali) वो कोरोना में अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों के साथ मनाएंगे. सीएम इन अनाथ बच्चों के अभिभावक बनकर दीपावली पर उनके साथ रहेंगे और बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरने की कोशिश करेंगे.


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सीएम हाउस में खास कार्यक्रम
कई जिलों से आए इन बच्चों को मुख्यमंत्री निवास भी घुमाया जाएगा. इसके साथ ही आज दिवाली के दिन उन्हें सीएम हाउस में बने मंदिर के दर्शन करनाए जाएंगे. इसके बाद सभी बच्चों को सीएम अपने चेंबर में ले जाएंगे. इतना ही नहीं बच्चों को सीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से खुद का रूम भी दिखाएंगे. इसके बाद सीएम हाउस के लॉन में बैठकर मुख्यमंत्री बच्चोँ के साथ समय बिताएंगे और उनके मन की बात भी सुनेंगे. सीएम शिवराज का अनाथ बच्चों के साथ दिवाली का त्योहार मनाने का उद्देश्य है इन बच्चों को खुशियां देना और माता पिता की कमी न होने देना है.


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'मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना'
मुख्यमंत्री चौहान "मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना" से जुड़े बच्चों के साथ भोजन कर उन्हें शुभकामनाएं देंगे. सीएम निवास पर दोपहर 12.30 से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और होशंगाबाद जिलों के 50 अनाथ बच्चे शमिल होंगे. बाकी के जिलों के बच्चों को सीएम वर्चुअली संबोधित करेंगे. इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि COVID में कई बच्चों ने माता-पिता खो दिए. ये बच्चे हम सबकी जिम्मेदारी हैं. आपके पड़ोस या परिचय में ऐसे बच्चे हैं, तो ये दिवाली उनके साथ मनाएं. कोविड काल में नियति ने कई बच्चों से माता-पिता छीन लिए। उन्हें वापस तो नहीं ला सकते, लेकिन बच्चों की जिंदगी संवारने, उज्ज्वल भविष्य बनाने के साथ उन्हें खुशियां दे सकते हैं.


शिवराज सिंह का संदेश
शिवराज सिंह ने कहा कि बच्चों के साथ पर्व की खुशियां साझा करें. उन्हें मिठाई, उपहार और पसंदीदा सामग्री भेंट करें. माता-पिता की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता, लेकिन खुशियां बांटकर तकलीफें कुछ कम कर सकते हैं. उन्‍होंने कहा कि मानवता, लोक कल्याण और बंधुत्व का संदेश देती हमारी संस्कृति हम सभी को एक परिवार का बोध कराती है. हम उन परिवारों के साथ भी पर्व की खुशियां साझा करें, जिन्होंने कोरोना काल में अपनों को खोया है, तकलीफें उठाई हैं. उनके घर खुशियों से रोशन करें.


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