Emerging Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश में मामा कहे जाने वाले शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की महिलाओं के लिए बनाई गईं,अपनी नीतियों के लिए प्रदेश ही नहीं पूरे देश में लोकप्रिय हैं. खासकर उनकी लाडली लक्ष्मी योजना की चर्चा पूरे देश में होती है.बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना पार्ट 2 का शुभारंभ करते हुए लाडली लक्ष्मी योजना शुरू करने की कहानी (Story of launching Ladli Laxmi Yojana) बताई थी. 


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एक बहन की आंखों में आंसू देख मैंने कुछ करने की सोची 
लाडली लक्ष्मी पार्ट 2 का उद्घाटन करते हुए सीएम शिवराज ने कहा था कि 60-62 साल पहले बचपन में देखा करता था कि बेटों को मां से ज्यादा प्यार मिलता था. पुत्रों के जन्म पर ढोल-नगाड़ों पर उत्सव मनाया जाता था. जब मेरे गांव की एक बहन को तीन बेटियां हुईं तो उसकी सास ने उसे घर से बेदखल करने के लिए कह दिया था. जिसके बाद उस बहन की आंखों में आंसू देखकर मैंने कुछ करने की सोची थी. इस घटना से समझा जा सकता है कि लाडली लक्ष्मी योजना की शुरुआत सीएम शिवराज ने किस उद्देश्य और किस सोच के साथ शुरू की थी. 


एक अम्मा की बातें सुनकर आया था योजना का विचार
सीएम ने एक और किस्सा सुनाया था कि एक सम्मेलन में मैंने कहा था कि बेटी और बेटा एक ही हैं.मैंने कहा बेटी को आने दो. जिस पर एक अम्मा ने कहा कि बहुत बड़ी-बड़ी बातें कर रहा है, बेटी को आने दो, लेकिन बेटी की परवरिश और शादी कौन करेगा? बता दें कि इसी घटना के सीएम शिवराज के दिमाग में एक विचार आया और उन्होंने मंत्री-अधिकारियों को फोन किया और कहा कि ऐसी योजना बनाओ कि बेटी पैदा हो तो सब लोग हंसने लगें और खुश हों. 


लाडली लक्ष्मी योजना का हुआ था विरोध
हालांकि लाडली लक्ष्मी योजना का पहले काफी विरोध हुआ था. अधिकारियों ने कहा था कि इतना पैसा कहां से आएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया था कि लाडली लक्ष्मी योजना को लेकर अधिकारियों ने कहा था कि इस योजना के लिए पैसे कहां से आएंगे.