MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी अगर विधानसभा चुनाव जीतेगी तो क्या शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे? इस सवाल पर अब सस्पेंस बढ़ता जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषक का मानना है कि बीजेपी में अब मुख्यमंत्री के लिए दूसरे चेहरे पर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इधर कांग्रेस ने तंज कसते हुए कहा कि एमपी को बर्बाद करने वाले को बीजेपी ने देर से पहचाना है.


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एमपी बीजेपी चुनाव अभियान समिति के संयोजक और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की ओर से मुख्यमंत्री फेस को लेकर दिए गए बयान ने सियासी हलचल मचा दी है. दरअसल, बीजेपी के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय हॉल में नरेंद्र सिंह तोमर ओर वीडी शर्मा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई थी. यहां जब उनसे सवाल किया गया  कि 2013 और 2018 चुनाव में बीजेपी दूल्हा लेकर निकली थी लेकिन, अब 2023 में बीजेपी बिना दूल्हा (मुख्यमंत्री) चेहरे के क्यों चल रही है.  जवाब देते हुए नरेंद्र सिंह तोमर बोले कि अभी मुख्यमंत्री का चेहरा तय नहीं है. उन्होंने कहा, "कुछ मुझे तय करना होता है. कुछ प्रदेश अध्यक्ष को तय करना होता है. कुछ पार्टी को और पार्लियामेंट बोर्ड सामूहिक रूप से तय करना होता है. जब तक कुछ तय नहीं होता तब तक बोलना उचित नहीं होता."


शिवराज नहीं कर सकते हैं कमलनाथ का मुकाबला: कांग्रेस
इस मुद्दे पर अब कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस नेता सैयद जफर ने कहा कि एमपी को बर्बाद करने वाली भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले, युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वाले, महिला अपराध को बढ़ावा देने सीएम शिवराज सिंह चौहान की हकीकत भाजपा हाईकमान देर से जान पाई. उन्होंने आगे कहा कि 2018 में शिवराज के चेहरे पर सरकार नहीं बन पाई इसलिए अब शिवराज सिंह चौहान को साइड लाइन का खेल शुरू हो गया है. शिवराज कमलनाथ का मुकाबला नहीं कर सकते हैं बीजेपी जान गई है. इसलिए अब शिवराज सिंह चौहान पर भरोसा बीजेपी नहीं जता रही.


हट सकते हैं शिवराज
इधर, राजनीतिक विश्लेषक मनीष दीक्षित का कहना है कि इससे पहले अमित शाह भी यह बात साफ कर चुके हैं, लेकिन अब चुनावी सरगर्मी के बीच नरेंद्र सिंह तोमर का यह बयान सीएम शिवराज के विकल्प को तलाश में जैसा है. अब तक दूसरा नाम सामने नहीं आया है. अमूमन बीजेपी 2008, 2013 और 2018 में सीएम शिवराज के चेहरे पर चुनाव लड़ा है पर इस बार सीएम शिवराज के चेहरे पर चुनाव न लड़ना यह बताता है कि परिवर्तन के आसार हैं.