Hill Station Pachmarhi:  शासन -प्रशासन स्तर पर पर्यटन को बढ़ाबा देने की बाते होती रहती हैं, लेकिन पर पर्यटन स्थल कितने सुरक्षित हैं इसका अंदाजा तो पचमढ़ी में घायल हुए पर्यटकों देखकर लगाया जा सकता है. यहां आने वाले पर्यटकों पर लगातार बंदर हमला कर रहें है, लेकिन स्थानीय प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं है. पिछले दिनों तो पचमढ़ी बाजार से एक बंदर पर्यटक का बेग उनकी कार से निकालकर भाग गया, जिसमे 1 लाख रूपये रखे हुए थे. बंदर ने वह बेग एक मकान के ऊपर जा कर खोल दिया और सारे 500 के नोट वहां फैला दिए.


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पचमढ़ी का अधिकांश भाग सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में आता है और टाईगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर का कहना है कि लाल मुंह वाले बंदरों को वन्यप्राणी सूची से बाहर कर दिया है तो लोकल प्रशासन इस और कार्यवाही करे. साथ ही उन्होंने पचमढ़ी आने वाले पर्यटकों को हिदायत भी दी कि पचमढ़ी के किसी भी क्षेत्र में बंदरों को कोई खाने की वस्तु ना दें और उनसे दूरिया बनाये रखें. बंदरों को खाने की वस्तु देते देखे जाने पर पर्यटकों पर पेनाल्टी भी लग सकती है. यह तो हुई हिदायत वाली बात पर जो बंदर लगातार पर्यटकों पर बेवजह हमले कर रहे हैं उनका क्या किया जा रहा जा रहा है. उस और किसी का ध्यान नहीं है. 




पर्यटक ने बताई परेशानी
बंदरों के आतंक शिकार हुईं पर्यटक दीपा चौधरी ने बताया, मैं खड़ी हुई थी तभी बंदर ने अटैक कर दिया. मैं बंदरों को कुछ दे भी नहीं रही थी. यहां बंदरों से सावधान रहने के लिए कोई बोर्ड या जानकारी भी नहीं लगाई गई है. प्रशासन को कुछ लोग रखना चाहिए जो पर्यटकों को जानकारी दें और बंदरों को संभाल सकें. पर्टयकों को बताना चाहिए कि बंदरों के इलाके में नहीं जाना है.




क्या बोला प्रशासन 
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के एफडी एल कृष्णमूर्थी ने बताया कि पर्यटकों से सावधान रहने के लिए कहा गया है. इसके अलावा लोकन गाइड और ड्राइवरों से कहा गया है कि वे पर्यटकों से बंदरों से सावधान रहने के लिए आगह करें. बंदरों के अटैक को रोकने के लिए स्टाफ की भी ड्यूटी लगाई गई है. कई बार पर्यटक बंदरों का खाना खिलाने का प्रयास करते हैं जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं हो जाती हैं.


नर्मदापुरम से अभिषेक गौर की रिपोर्ट