Durgavati Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व से एक अच्छी खबर सामने आ रही है. जहां टाईगर रिजर्व में टाइगर की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व से यहां दो टाइगरों को छोड़ा गया है. जिससे यहां टाइगरों की संख्या अब 18 हो गई है. इससे खुश नजर आ रहे दमोह जिले के पूर्व सांसद और एमपी सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास के मंत्री प्रहलाद पटेल ने प्रधानमंत्री मोदी को इसका श्रेय दिया और कहा अभी और संभावनाएं बाकि हैं.  


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देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व
आपको बता दें कि पिछले महिने ही वीरांगना दुर्गावती टाईगर रिजर्व को देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होने की उपलब्धि हासिल हुई थी. दरअसल, नौरादेही अभ्यारण्य में समापन के बाद डोंगरगांव रेंज में ज्यादातर वन क्षेत्र खाली हो गया थे. इसलिए टाइगर रिजर्व के इलाके में टाइगरों की संख्या बढ़ाने के लिए यहां टाइगर के जोड़े को छोड़ा गया है. 


बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व से 2 टाइगर आए
इसी के चलते गुरुवार यानी 27 मार्च को बाधवगढ़ टाइगर रिजर्व से एक नर और एक मादा टाइगर को दुर्गावती टाईगर रिजर्व में लाया गया है. इन दोनों टाइगर और टाइग्रेस की उम्र 5 से 6 साल बताई जा रही है. वन विभाग ने दोनों टाइगरों को छोड़ते हुए का वीडियो भी जारी किया है. फिलहाल दोनों टाइगर को एक साल की निगरानी में रखा जाएगा. 


मंत्री प्रहलाद पटेल ने पीएम मोदी को दिया श्रेय 
दमोह जिले के पूर्व सांसद और एमपी सरकार के पंचायत एवं ग्रामीण विकास के मंत्री प्रहलाद पटेल ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दमोह जिला हर द्दष्टि से समृद्धशाली है और अब यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं बढ़ेंगी. बीते महीने ही दमोह और सागर जिले के दो सेंचुरी एरिया नोरादेही अभ्यारण्य और दमोह जिले के दुर्गावती अभ्यारण्य को एक करके बड़ा अभ्यारण्य बनाया गया था. ये देश मे सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व एरिया हो गया है. मंत्री पटेल ने इसका पूरा श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को दिया और कहा कि आने वाले समय में इस क्षेत्र में और भी विकास की करेंगे.   


निगरानी के लिए लगे हैं रेडियो कॉलर 
दुर्गावती टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर डा. एए अंसारी का कहना है कि टाइगर रिजर्व बनने के बाद रिजर्व एरिया के गांव का तेजी से विस्थापन कर के टाइगरों के रहने के लिए बेहतर इंतजाम कर रहे हैं. इसी के तहत इन टाइगरों को लाया गया है. इन्हें नरसिंहपुर जिले के अंतर्गत आने वाले टाइगर रिजर्व के डोंगरगांव रेंज के विस्थापित ग्राम महका के पास नदी के किनारे छोड़ा गया है. दोनों टाइगर में रेडियो कालर लगे हुए हैं, जिनसे उन पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.