छतरपुर जिले के बाद टीकमगढ़ जिले में भी केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के सांसद प्रतिनिधियों का विरोध शुरू हो गया है. टीकमगढ़ जिले में बीजेपी के दो पूर्व विधायकों ने सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्तियों का विरोध जताया है. इससे पहले छतरपुर में भी ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां बीजेपी विधायकों ने सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्तियों पर अहसमति जताई थी. छतरपुर में तो बीजेपी विधायकों ने मंत्री खटीक की तरफ से बुलाई गई बैठक का ही बहिष्कार कर दिया था. वहीं अब ऐसा ही मामला टीकमगढ़ से भी सामने आया है. बता दें कि टीकमगढ़ और छतरपुर जिले की विधानसभा सीटों को मिलाकर टीकमगढ़ लोकसभा सीट बनती है, जहां से मंत्री वीरेंद्र खटीक सांसद हैं. 


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टीकमगढ़ में दिखा विरोध 


दरअसल, मंगलवार को खरगापुर के पूर्व विधायक राहुल सिंह लोधी और टीकमगढ़ के पूर्व विधायक राकेश गिरी गोस्वामी ने सांसद वीरेंद्र खटीक की तरफ से बनाए गए सांसद प्रतिनिधियों की नियुक्ति पर असहमति जताई. दोनों का कहना है कि टीकमगढ़ सांसद और मंत्री वीरेंद्र खटीक को पहले भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा कर लेनी चाहिए थी, उसके बाद उन्हें प्रतिनिधि नियुक्त करना चाहिए था, तो अच्छा होता. क्योंकि हर सांसद प्रतिनिधि का विरोध नहीं है, लेकिन कुछ सांसद प्रतिनिधि ऐसे हैं जिन्होंने चुनाव में पार्टी के खिलाफ ही काम किया था. 


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पूर्व विधायक राकेश गिरी ने कहा पिछले विधानसभा चुनाव में जब वह भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थे तो उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को भी वीरेंद्र खटीक ने अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर दिया है, उन्होंने कहा की यह गलत है, जब वीरेंद्र खटीक टीकमगढ़ लौट कर आएंगे तो मैं उनसे बात करूंगा और सांसद प्रतिनिधि हटाने की मांग करूंगा. राहुल लोधी ने भी उनका समर्थन किया. बता दें कि राहुल लोधी सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की कद्दावर नेता उमा भारती के भतीजे हैं. 


छतरपुर जिले में भी हुआ था विरोध


बता दें कि इससे पहले छतरपुर जिले में भी केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक की तरफ से नियुक्त किए गए सांसद प्रतिनिधियों का जिले के बीजेपी विधायकों ने विरोध जताया था. छतरपुर जिले में तीन विधायकों ने सांसद की तरफ से बुलाई गई बैठक का भी बहिष्कार कर दिया था. जिसके बाद छतरपुर जिले में बीजेपी नेताओं की कलह खुलकर सामने आ गई थी. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मानवेन्द्र सिंह ने तो खुलकर अपराधियों को सांसद प्रतिनिधि बनाने का आरोप लगाया था. जबकि छतरपुर से बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री ललिता यादव ने भी आरोपों पर सहमति जताई थी. जिसके बाद मामला गर्मा गया था. 


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