Tikamgarh News: स्कूल में भिखारियों की तरह दिया जा रहा है भोजन,मिलते हैं कीड़े-मकोड़े
Tikamgarh Latest News: टीकमगढ़ जिले में भिखारियों की तरह छात्रों को मध्याह्न भोजन बाटा जा रहा है. स्कूल में बर्तनों की व्यवस्था न होने के कारण बच्चों को घर से बर्तन लाना पड़ते हैं.मामले में प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि यह सब गलत है और इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
आरबी सिंह/टीकमगढ़: मध्यप्रदेश सरकार की कोशिश रहती है कि बच्चों को स्कूल में अच्छी तरह से मध्याह्न भोजन मिले. हालांकि प्रदेश के ही टीकमगढ़ जिले के एक स्कूल में बच्चों को स्कूल में मिलने वाला मध्याह्न भोजन गंदगी के बीच भिखारियों की तरह हाथों पर परोसा जा रहा है.बता दें कि जिला मुख्यालय से तकरीबन 60 किलोमीटर दूरस्थ ग्रामीण अंचल के शासकीय माध्यमिक शाला कुड़ीला में आज भी बच्चों को स्कूल से मिलने वाले मध्याह्न भोजन के लिए या तो अपने घर से बर्तन लेकर आना होता है या फिर हाथों पर भोजन खाने को मजबूर होना पड़ता है और देश का भविष्य कहने जाने वाले इन बच्चों को गंदगी के बीच खाली जमीन पर बैठाकर हाथ में रोटी पर सब्जी देकर मध्याह्न भोजन परोसा जा रहा है.
वहीं इस मामले में जहां स्कूल के टीचर का कहना है कि बर्तनों में जंग लगने के कारण बच्चों को हाथों पर रखकर मध्याह्न भोजन वितरित किया जा रहा है. वहीं प्रशासनिक अधिकारी का कहना है कि यह सब गलत है और इसकी जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
भोजन में मिलते हैं कीड़े-मकोड़े
बता दें कि टीकमगढ़ जिले में भिखारियों की तरह छात्रों को मध्याह्न भोजन बांटा जा रहा है. स्कूल में बर्तनों की व्यवस्था न होने के कारण बच्चों को घर से बर्तन लाना पड़ते हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में शासन की योजनाओं पर किस तरह पलीता लगाया जा रहा है. छात्र-छात्राओं को स्कूल आने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से छात्रों को दोपहर के भोजन के लिये मध्याह्न भोजन का वितरण सुनिश्चत किया गया है. परंतु खरगापुर विधानसभा क्षेत्र के शासकीय माध्यमिक शाला कुडीला गांव में जब से स्कूल खुला है, तब से आज तक छात्र-छात्राओं का मध्याह्न भोजन के खाने के लिए या तो अपने घर से बर्तन लाना पड़ते हैं या फिर हाथों पर रखकर गंदगी के बीच प्रांगण में घूम रहे आवारा कुत्तों से बचाकर खाना खाना पड़ता है. ऐसे में अधिकांश बच्चों ने बताया कि उन्हें कभी भी स्कूल में भरपेट भोजन नहीं दिया जाता है और जो मिलता भी है. उसमें कीड़े-मकोड़े मिलते हैं. जिससे बच्चे खाना छोड़ कुत्तों आदि को खिला देते हैं.
बर्तनों में जंग लग गई
इस मामले में शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ प्रधानाध्यापक का कहना है कि कोरोना काल में विद्यालय बंद रहने के कारण मध्याह्न भोजन वितरित करने वाले बर्तनों में जंग लग जाने के कारण बच्चों को हाथों में भोजन वितरित किया जा रहा है.
आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
वहीं क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी एसडीएम सौरभ मिश्रा का कहना है कि शासकीय माध्यमिक शाला कुडीला स्कूल में अगर बच्चों को गंदगी के बीच हाथों में मध्याह्न भोजन वितरित किया जा रहा है तो यह सब गलत है और आपत्तिजनक है. इसकी जांच के लिये बीआरसी को भेजा है और जांच रिपोर्ट आने पर दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.