Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल मानी जाने वाली चंबल रीजन की मुरैना लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प और त्रिकोणीय हो गया. यहां भाजपा और कांग्रेस की सीधी टक्कर में बहुजन समाज पार्टी (BSP) की भी एंट्री हो गई. व्यापारी वर्ग से आने वाले बसपा प्रत्याशी रमेश चंद्र गर्ग मुरैना में बीजेपी और कांग्रेस की राह का रोड़ा बनते नजर आ रहे हैं. भाजपा ने यहां से शिव शिवमंगल सिंह तोमर और कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार को मैदान में उतारा है. 


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मुरैना सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यहां भाजपा और कांग्रेस में पहले से ही कड़ी टक्कर थी, लेकिन रमेश चंद्र गर्ग की एंट्री के बाद यह मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. इसकी वजह यह है कि गर्ग पुराने भाजपाई और कांग्रेसी हैं. जाने माने बिजनेसमैन पहले भाजपा में थे. बाद में पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए. इसके बाद कांग्रेस से नाराजगी के बाद बसपा में शामिल हो गए. इसके अलावा त्रिकोणीय मुकाबले की एक वजह और यह है कि मुरैना में व्यापारी वर्ग भाजपा और कांग्रेस से नाराज दिखाई दे रहा है. लोकसभा चुनाव ये नाराजगी दोनों ही दलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है.


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व्यापारिक वर्ग की नाराजगी
लोकसभा चुनाव में व्यापारिक वर्ग के अग्रवाल समाज की नाराजगी भी सामने आई. हाल ही में अग्रवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप मित्तल ने दोनों ही पार्टियों पर राजनीतिक सहभागिता न देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पार्टियों को सिर्फ फंडिंग के लिए अग्रवाल याद आते हैं. उन्होंने कहा कि आज समाज निराश है कि एमपी में वो अग्रवाल समाज को बीजेपी कांग्रेस को फंडिंग में सबसे ज्यादा सपोर्ट करता है टिकट वितरण में राजनीतिक दल धोखा दे रहे हैं. देशभर में अग्रवाल समाज की 6 करोड़ आबादी है, जबकि मध्य प्रदेश समाज भागीदारी कुल 6 प्रतिशत है. कुलमिलाकर व्यापारी इस बार मुश्किल बड़ा सकते हैं.


भाजपा-कांग्रेस की वादाखिलाफी
रमेश चंद्र गर्ग ने भी कांग्रेस और बीजेपी पर वादाखिलाफी और धोखा देने का आरोप लगाया. रमेश चंद्र गर्ग ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस व्यापारियों को वोट बैंक समझती हैं. व्यापारियों से फंडिंग लेती हैं, लेकिन राजनीतिक हिस्सेदारी नहीं देती. मुरैना लोकसभा सीट के वोटरों को वोट बैंक की तरह उपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नेता यहां से जीते और संसद तक गए, लेकिन मुरैना का विकास नहीं किया. आज मुरैना का युवा गलत ट्रैक पर जा रहा है. मुरैना का युवा डाकुओं की राह जा रहा है, क्योंकि उसके हाथ में काम नहीं है.


अनदेखी का आरोप
गर्ग ने आगे कहा कि मुरैना के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. विकास दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा है. हर चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस वॉय लेकर भूल जाते हैं. गर्ग ने कहा कि कांग्रेस ने मुझे भरोसे में रखा और टिकट को लेकर कहा कि व्यापारियों को वोट नहीं मिलते हैं. व्यापारी राजनीति नहीं कर सकते हैं. उन्हें दिखाना है कि व्यापारी राजनीति में समाज सेवा के लिए आता है. भ्रष्टाचार के लिए नहीं आता.


क्या हैं नए समीकरण?
मुरैना लोकसभा सीट पर ब्राह्मण वोट 3 लाख हैं. व्यापारी 3 लाख से ज्यादा हैं, जबकि दलित इससे भी ज्यादा हैं जो बसपा से कनेक्ट रहे हैं. अग्रवाल को व्यापारियों के साथ-साथ दलित और ब्राह्मणों का साथ मिलने की उम्मीद है. वे यहां बड़ा फेरबदल की संभावना से इंकार नहीं कर रहे. गर्ग ने दोनों ही दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के शिवमंगल सिंह तोमर की छबि खराब है, जबकि कांग्रेस के सत्यपाल सिंह सिकरवार परिवार को बढ़ाबा कांग्रेस दे रही है. यहां ठाकुरवाद चल रहा है.


रिपोर्ट: प्रमोद शर्मा, भोपाल