Ujjain News: उज्जैन में लगा गधों का मेला, ओवैसी, अरविंद और अखिलेश की कीमत हैरान कर देगी!
Ujjain News: कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से मेले का आयोजन नहीं हो रहा था, इसलिए इस बार एक गधे की खरीद पर दूसरा गधा मुफ्त मिल रहा था.
राहुल राठौर/उज्जैनः उज्जैन में कार्तिक महीने की पूर्णिमा पर लगने वाला गधों का मेला (Ujjain Donkey Fair) समाप्त हो गया है. इस बार ओवैसी, अरविंद और अखिलेश नाम के गधों की खूब चर्चा रही और मेले में गधे 15-15 हजार में बिके. इस मेले में कई राज्यों के व्यापारी पहुंचे थे. कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों से धंधा मंदा चल रहा था, इसलिए मेले के दौरान एक गधे पर दूसरा गधा फ्री का भी ऑफर चल रहा था.
बता दें कि हर साल कार्तिक माह में आने वाली एकादशी से पूर्णिमा तक उज्जैन में गधों का मेला लगता है. मेले के दौरान ओवैसी, अरविंद नाम के गधों की खूब डिमांड देखी गई. बाद में ये दोनों गधे 15-15 हजार में बिके. इस मेले की ख़ास बात ये है कि सभी गधों के नाम आम जन व खरीदारों को प्रभावित करने के लिए नेता, नेत्री, अभिनेता, अभिनेत्रियों के नाम पर रखे जाते है, जो हर बार चर्चा का विषय बन सुर्खियों में रहते हैं. पिछले साल कंगना और आर्यन नाम के गधों की जोड़ी 34 हजार में बिकी थी.
कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से मेले का आयोजन नहीं हो रहा था, इसलिए इस बार एक गधे की खरीद पर दूसरा गधा मुफ्त मिल रहा था. गधों के व्यापारी मनोज प्रजापति ने बताया कि नेता लोग कुछ भी बोल देते हैं. खासकर ओवैसी, अखिलेश और अरविंद की स्थिति तो सभी को पता है. इसलिए संदेश देने के लिए उन्होंने गधों का नाम नेताओं के नाम पर रखा है.
कई गधों के नाम बॉलीवुड स्टार जैसे सलमान, शाहरुख और रणबीर के नाम पर भी थे. उल्लेखनीय है कि ईंट भट्ठों में काम के लिए गधों को खरीदा जाता है. मेले में करीब 2 हजार गधे बिक्री के लिए आए. उज्जैन में लगने वाला यह गधों का मेला क्षिप्रा नदी के किनारे बड़नगर रोड पर लगता है. इस मेले में प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र और कई अन्य राज्यों से भी व्यापारी आते हैं. गधों की उम्र 7-10 साल होती है, जो दांत देखकर आंकी जाती है.
इस बार मेले में गधों की औसत कीमत 10 हजार से 40 हजार के बीच रही. हालांकि अधिकतम 15 हजार की कीमत में ही गधे बिक पाए. इस मेले में घोड़े और खच्चर भी बिक्री के लिए आते हैं, जिनकी कीमत करीब 20 हजार से 50 हजार तक रही. कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद यह मेला लगा था लेकिन इसके बावजूद इस बार व्यापार उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा.