राहुल राठौड़/उज्जैन: जिले के उन्हेंल तहसील क्षेत्र अंतर्गत शासकीय कन्या उ.मा विद्यालय में माध्यमिक शिक्षा मंडल की पांचवी और आठवीं कक्षा की परीक्षा (5th and 8th class board exam) का शनिवार को पहला दिन रहा. परीक्षा के पहले ही दिन जिम्मेदारों की बच्चों के लिए व्यवस्थाओं को लेकर बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. जिसके वीडियो भी सामने आए हैं. वीडियो में बच्चे स्कूल परिसर के कॉरिडोर स्टाफ रूम व बाहर मैदान में तपती धूप में जमीन पर बैठे हुए परीक्षा देते नजर आ रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि पालकों व अन्य स्कूलों के शिक्षकों ने सेंटर प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिस सेंटर में 300 बच्चों की क्षमता है, उसमें 600 बच्चों को बुला लिया गया. ना उन्हें समय पर पेपर मीले, ना एंट्री गेट पर कोई नोटिस बोर्ड दिखा, जहां रोल नंबर हो रूम नंबर हो. इससे अच्छा तो अपने स्कूलों में परीक्षा दिलवा देते और सेंटर को कॉपियां पहुंचा देते. यह बच्चों के भविष्य के साथ सीधा-सीधा खिलवाड़ है. हालांकि, मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा से जब बात की तो उन्होंने कहा कि मैं बीमार हूं कल से ऐसा नहीं होगा सेंटर प्रबंधक को नोटिस पहुंचा कर जवाब मांगा है.


मामले में जिला शिक्षा अधिकारी, बीआरसी, केंद्र प्रभारी और बीईओ ने ये कहा:


-जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने कहा कि मैं बीमार हूं, मिल नहीं पाऊंगा, लेकिन केंद्र अध्यक्ष को नोटिस पहुंचा दिया गया है. उनसे जवाब मांगा गया है. अव्यवस्थाओं को लेकर अगले पेपर से ऐसा नहीं होगा.
-केंद्र प्रभारी बीएल पांचाल का कहना है कि हमने पूर्व में ही हमारे वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करवा दिया था कि स्कूल में 16 स्कूलों का परीक्षा के लिए एक सेंटर बना दिया है. जबकि यहां बैठने के लिए बच्चों की व्यवस्था नहीं है. कक्ष कम होने के कारण हमने गलियारों और मैदान में बच्चों को बिठाया, लेकिन सबको व्यवस्थित बिठाया है और समय पर पेपर बंटे हैं. बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण थोड़ी सी व्यवस्था गड़बड़ाई है जो आगे सुधार ली जाएगी.
-बीईओ बीसी शर्मा ने कहा कि व्यवस्था बिगड़ने का कारण बीते 10 सालों से परीक्षा सिर्फ शासकीय स्कूलों की बोर्ड होती थी, लेकिन अब निजी विद्यालयों की भी होने लगी तो यह स्थिति उत्पन्न हुई है. बच्चों को धूप ना लगे इसके लिए टेंट की व्यवस्था व उनके लिए कक्षाओं में बैठने की व्यवस्था अगले पेपर से कर दी जाएगी.
-मामले में बीआरसी पुष्पराज तिवारी ने कहा कि व्यवस्थाएं कुछ भी नहीं है, शासन के आदेश अनुसार ही हमने सेंटर बनाया. बोर्ड पैटर्न में जितने बच्चे बैठते हैं जितने की अनुमति होती है.उसी अनुसार हमने यहां व्यवस्था की है.


पालकों और प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों के गंभीर आरोप
पालकों ने कहा कि हम सुबह 7 बजे से बच्चों को लेकर परीक्षा सेंटर पर आ चुके थे. 9 से 11:30 तक परीक्षा का समय है. 9:30 बजे तक भी बच्चों को रोल नंबर अनुसार जगह नहीं मिल पाई ना ही पेपर मिले. वहीं प्राइवेट स्कूल के शिक्षक जो बच्चों पर सेंटर पर लेकर आए उन्होंने भी कहा किे यहां उचित व्यवस्था नहीं है. बच्चों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है. बच्चों को 09:30 बजे तक पेपर बंटे है. उन्होंने कोई बताने वाला यहां नहीं है कि कहां बैठना है? 


उन्होंने कहा कि रिजल्ट में गड़बड़ी हुई तो इसका जिम्मेदार संकुल व्यवस्था और राज्य शिक्षा दोषी माना जाएगा. एक शिक्षक ने कहा कि दरी भी बच्चों को बैठाने के लिए नहीं है. इतना बुरा हाल है. तपती धूप में बच्चे बैठे हैं. ऊपर छांव करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. एक शिक्षक ने कहा कि इससे अच्छी व्यवस्था तो हम अपने निजी स्कूलों में कर देते और बच्चों से एग्जाम दिलवाकर कॉपियां यहां पहुंचा देते इसे गंभीरता से जिम्मेदारों को लेना चाहिए था. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.