Unique Cricket Competition: मध्य प्रदेश में धार्मिक क्रिकेट प्रतियोगिता, कर्म की गेंद पर ज्ञान का छक्का!
Unique Cricket Competition: खंडवा के एक जैन मंदिर में अनोखी प्रतियोगिता आयोजित हुई. इसमें कर्मों की बॉल पर आध्यात्म के बैट से चौके छक्के लगाए गए. इस प्रतियोगिता के पीछे जैन धर्म के संस्कार, सिद्धांत और इतिहास को नई पीढ़ी को उद्देश्य धर्म व्यवहार सिखाना था.
Unique Cricket Competition: खंड़वा। भारत समेत दुनिया भर में क्रिकेट इस समय काफी पॉपुलर है. हर वर्ग के सिर में इसका जुनून चढ़ा रहा है. इसी कारण देश दुनिया में इसके कई तरह के आयोजन होते रहते हैं. इसमें से कुछ टूर्मामेंट अजीब होते हैं तो कुछ बड़ा संदेश देने वाले होते हैं. ऐसे ही एक क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन खंडवा के एक जैन मंदिर में किया गया. यहां खेल के एक बिल्कुन ही नया धार्मिक रंग दिया गया. जहां कर्मों की बॉल पर आध्यात्म के बैट से चौके छक्के लगाए गए.
क्या-क्या सवाल थे प्रतियोगिता में
जैन मंदिर में आयोजित प्रतियोगिता में जैन धर्म के इतिहास संस्कार और सिद्धांतों संबंधी प्रश्न थे. इन प्रश्नों को क्रिकेट की बाल के माध्यम से फेंका गया, जिनके उत्तर अल्प समय में ही बैट्समैन को देना होता था. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले जैन धर्म के अनुयायियों का कहना है कि यह केवल क्रिकेट ही नहीं था. बल्कि धर्म के संस्कार, सिद्धांतों को व्यवहार में लाने के साथ समय की उपयोगिता और महत्ता का पता चल सके.
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कैसे हुआ टीमों का सलेक्शन
इस प्रतियोगिता में जैन धर्म की महिला, पुरुषों और युवाओं की 8 टीमें बनाई गई थी. पहले इन सभी टीमों को लगभग 500 प्रश्नों की प्रश्नावली याद करने के लिए दी गई. जब खेल शुरू हुआ तो कम से कम समय में उत्तर देने वाली टीमों का चयन किया गया. आखरी में 2 टीमें फाइनल में पहुंची.
किसे कितने में मिले रन
जिस बैट्समैन ने दशमलव 8 सेकंड में उत्तर दिए उसे 6 रन दिए गए और जिसने 1 सेकंड में उत्तर दिया उसे चौका दिया गया. 1 सेकंड से ज्यादा समय में उत्तर देने वालों को 2 रन दिए गए.
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करंट अफेयर के भी थे सवाल
देश में अधिकांश लोग क्रिकेट देखते और खेलते भी हैं. लेकिन, इसी खेल की लोकप्रियता के माध्यम से जैन धर्म के संस्कार और सिद्धांतों को घर-घर पहुंचाने का प्रयास किया गया है. रोचकता बढ़ाने के लिए इसमें कुछ सवाल करंट अफेयर से संबंधित भी रखे गए. जिससे अपने परिवेश के बारे में भी जानकारी उपलब्ध हो सके.
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जैन धर्म का होगा प्रचार
यह प्रतियोगिता जैन धर्म के आचार्य विराग सागर जी की अनुयाई साधिकाओं ने आयोजित करवाई. खेल के स्टेडियम का नाम भी अपने गुरु विराग सागर जी महाराज के नाम पर रखा. यह दोनों साधिकाएं खंडवा में चतुर्मास बिता रही है. उन्होंने कहा कि खेल से कर्मों की बॉलों को अध्यात्म के बैट से जीवन में उतारा गया. इसका उद्देश्य लक्ष्य पर फोकस करना और डिसीजन लेने की क्षमता का विकास करना है. इससे जैन धर्म के सिद्धांत और संस्कार घर घर पहुंचेंगे.