कौन थे छत्तीसगढ़ में शहीद होने वाले बांदा के विकास कुमार, जिन्हें मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र
बांदा के लामा गांव निवासी शहीद सीआरपीएफ जवान विकास कुमार 10 फरवरी को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे.
बांदा- 2 साल पहले नक्सलियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद सीआरपीएफ जवान विकास कुमार को उनकी बहादुरी के लिए 1 जून को मरणोपरांत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है. बता दें कि राष्ट्रपति ने ये सम्मान बांदा निवासी विकास कुमार की पत्नी नंदिनी को सौंपा. इस दौरान विकास की मां कैलासिया देवी भी मौजूद थीं.
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नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में हुए थे शहीद
सीआरपीएफ की कोबरा 204 बटालियन में कांस्टेबल के पद पर तैनात बांदा के लामा गांव निवासी शहीद सीआरपीएफ जवान विकास कुमार 10 फरवरी को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे. बता दें कि 9 फरवरी 2020 को सीआरपीएफ की टीम द्वारा बीजापुर के एरापल्ली इलाके में माओवादी नेताओं के छिपे होने की सूचना पर एक ऑपरेशन शुरू किया गया था. जिसमें 10 फरवरी 2020 को सीआरपीएफ टीम और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गए थे, लेकिन नक्सलियों के साथ इसी मुठभेड़ के दौरान सीआरपीएफ के वीर जवान विकास कुमार भी शहीद हो गए.
अंतिम दर्शन के लिए लगा था स्थानीय लोगों का तांता
12 फरवरी 2020 को शहीद विकास कुमार का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव लामा पहुंचा. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान शहीद के अंतिम दर्शन के लिए स्थानीय लोगों का तांता लगा था. बता दें कि सीआरपीएफ के कई वरिष्ठ अधिकारियों समेत जिले के तमाम आला अधिकारियों ने शहीद को अंतिम सलामी दी थी.
2019 में हुई थी शादी
शहीद के परिवार वालों को इस बात पर गर्व है कि विकास कुमार ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. शहीद विकास अपने पीछे मां, पत्नी और दो भाइयों को छोड़ गए हैं. बता दें कि विकास के पिता की भी 4 साल पहले मौत हो चुकी है. जिस समय विकास शहीद हुए थे, उस समय उनकी शादी को सिर्फ एक साल ही हुआ था. 22 फरवरी 2019 को उनकी शादी हुई थी और वो 12 फरवरी 2020 को शहीद हुए थे. शहीद विकास एक बहुत ही बहादुर सिपाही थे, उन्होंने खुद सीआरपीएफ कोबरा की सबसे बहादुर बटालियन में जाने का फैसला किया था.