नई दिल्लीः व्हेल मछली से आप सभी वाकिफ होंगे लेकिन व्हेल के बारे में आप एक बात शायद नहीं जानते होंगे. वो ये है कि व्हेल की उल्टी की कीमत करोड़ों रुपए में होती है और दुनियाभर में इसकी बेहद डिमांड है. व्हेल की उल्टी को तैरता हुआ सोना भी कहा जाता है और इसकी कीमत 10 करोड़ या उससे भी ज्यादा हो सकती है. तो आइए जानते हैं कि व्हेल की उल्टी क्या होती है और इसकी कीमत करोड़ों रुपए में होने की क्या वजह है?


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क्या है व्हेल की उल्टी (Ambergris)
व्हेल की उल्टी या एंबरग्रिस एक वैक्स जैसा तत्व होता है, जो स्पर्म व्हेल की आंत में बनता है. जब स्पर्म व्हेल बड़ी मात्रा में कटल फिश और स्क्विड को खाती है तो इस दौरान कुछ चीजें अपच रह जाती हैं. यह तत्व व्हेल को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए व्हेल इन तत्व को उल्टी के रूप में शरीर से बाहर निकाल देती है. इसे ही एंबरग्रिस कहा जाता है. यह आमतौर पर समुद्र के पानी में तैरता हुआ मिलता है. कई बार मृत व्हेल के पेट में भी यह पाया जाता है.


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एंबरग्रिस की कीमत करोड़ों रुपए में होने की वजह इसकी ब्यूटी और मेडिकल साइंस में मांग है.कई ब्यूटी प्रोडक्ट्स और परफ्यूम में इसका इस्तेमाल किया जाता है. बताया जाता है कि व्हेल की उल्टी में पाए जाने वाले तत्वों की वजह से ही परफ्यूम लंबे समय तक महकते रहते हैं.  


कुछ माह पहले ही उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स ने लखनऊ से कुछ लोगों के पास से 4 किलों के करीब व्हेल की उल्टी बरामद की थी, जिसकी कीमत करीब 10 करोड़ रुपए आंकी गई थी. पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. वाइल्ड लाइफ एक्ट 1972 के तहत एंबरग्रिस की स्मगलिंग प्रतिबंधित है.